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Saturday 11 October 2014

क्या कहती है लाल किताब.....( व्याकरण )

क्या कहती है  लाल किताब..
आज मैं आपसे फिर लाल किताब पर चर्चा  करने जा रहा हु  पिछले कुछ दिन से मैं आपसे ज्योतिष की रहस्यमयी लाल किताब के व्याकरण पर आपसे विचार विमर्श कर रहा हु जोकि लाल किताब के फरमान नंबर ५ से १४ तक है और जिसमे बहुत से रहस्य ,सूत्र ,और इशारे है जिन्हे पढ़े बिना या समझे बिना लाल किताब का सारा का सारा ज्ञान और इसका रहस्यमयी ज्ञान किसी की भी समझ नहीं आ सकता हैं. क्युकी फरमान नंबर ६ मैं  पंडित जी ने हमे समझने के लिए ऐसी बहुत  रहस्यमयी बातें  और सूत्र और इशारे  किये हैं जिन्हे हमे बहुत ही ध्यान से समझना होगा ...
उन्होंने फरमान नंबर ६ में लिखा है कि...
धर्म  दया ख्वाह कोसो ऊँची , ख्वाह ही सखी लख दात्ता हो ,
उलटे वक़्त खुद गाँठ आ लगती , लेख लिखता था बिधाता जो.

फरमान नंबर ६ में पंडित जी ने हमे ग्रहो के बारे में और कुंडली के खानो के बारे में और उनकी दोस्ती -दुश्मनी उंच या नीच उनकी खास खास मियादो और ग्रहो की खास खास किस्मो व् कुंडली में ग्रहो के पक्के घर हथेली पर ग्रहो के  पक्के घर व् हथेली पर बुर्ज के पक्के घर और दरमियानी ग्रह व् ग्रहो की उम्र का असर व् रियायती चालीस दिन ,ताकत टकराओ या बरतायो  और यह भी समझाने की कोशिश की है कि कौन सा ग्रह ग्रह फल का या राशि फल का इसके साथ ही ३५ साला चककर व् जनम दिन और जनम वक़्त का ग्रह और एक दिन में ग्रह का वक़्त और जनम दिन और जन्म वक़्त  के ग्रह का आपसी तालुक और इसके साथ ही हमे अंधे ग्रहो के बारे में नहोराता के ग्रह ,धर्र्मी ग्रह ,साथी ग्रह ,बिलमुकाबिल के ग्रह कायम  ग्रह ,ग्रह का घर ,दोस्त-दुश्मन ग्रह ,,उच्च ग्रह नीच ग्रह बराबर के ग्रह और बालिग-नाबालिग ग्रह  और सबसे खास बात हमे यह भी समझाया है कि  जब कुंडली में दुश्मनी के वक़्त मंदा असर होने के वक़्त ग्रहो की क़ुरबानी के बकरे इत्यादि ...
 ..लाल किताब  के  रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान के फरमान नंबर ६ में लिखी बातों यानि लिखे हुए ज्ञान को हम एक एक करके समझने का प्रयास करंगे आज हम इस फरमान नंबर ६ में दिए गए कुंडली में ग्रहो के पक्के घर और ग्रहो की खास खास किस्मो के बारे में चर्चा करेंगे ..

      
१. -कुंडली में ग्रहो के पक्के घर व्  ग्रहों की किस्में.........
लाल किताब के रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान के इस फरमान नंबर ६ में पंडित जी ने हमे बहुत ही प्यार और तफ्सील से हमे समझाने की कोशिश की है जैसे  हम लाल किताब ज्योतिष कुंडली में ग्रहो के पक्के घरो की ही ले ले तो हमे बताया है कि  कुंडली के खाना नंबर १ सूर्य का पक्का घर  है और खाना  नंबर २-५-९-११ गुरु ग्रह के पक्के घर है और खाना नंबर ३ मंगल ग्रह का और खाना नंबर ४ चन्द्र्र  ग्रह का ,खाना नंबर ६ केतु ग्रह का और खाना नंबर ७ बुध और शुक्र ग्रह का और खाना नंबर ८ शनि  और मंगल ग्रह का  और खाना नंबर १० शनि ग्रह का और खाना नंबर १२ राहु ग्रह का पक्का घर है. इसको हमे हमेशा के लिए याद रखना होगा तभी इस लाल किताब के ज्योतिष ज्ञान को हम कुछ हद तक समझ पाएंगे  और साथ ही साथ हमे  ग्रहो की किस्मो में यह भी बताया है कि गुरु ,सूर्य और मंगल ग्रहो को नर ग्रह भी कहते है और शुक्र्र और चन्द्र्र ग्रह को स्त्री ग्रह भी कहते है और शुक्र्र को लक्ष्मी और चन्द्र्र को माता के नाम से भी जाना जाता है राहु और केतु को पाप के नाम से जाना जाता है और जब शनि को राहु या केतु किसी भी तरह आ मिले तो शनि पापी  होगा और शनि,राहु,केतु,को इकठ्ठा नाम भी पापी ही है और बुध ग्रह को नंपुसक ग्रह माना है  अब अगर कही भी लाल किताब के रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान में नर ग्रह का जिक्र आता है तो हमे  गुरु ,सूर्य और मंगल ग्रह की और ध्यान देना होगा और अगर स्त्री ग्रह का जिक्र होता है तो याद रखना होगा कि शुक्र ग्रह और चन्द्र ग्रह का जिकर हो रहा है लेकिन मंगल ग्रह का एक और ध्यान देना होगा की इस ग्रह के दो रूप बताये है मंगल नेक और मंगल बढ़  ( जिसका हम आगे के लेखो मैं जिक्र करंगे कि कैसे मंगल नेक और बढ़ होता है ) और ऐसे ही कही अगर शुक्र की बात हो तो  स्त्री ,लक्ष्मी ,गाये, मिटटी इत्यादि  को याद रखना होगा
पंडित जी ने  बहुत ही प्यार से लिखा है कि..
गुरु ,रवि ,और मंगल तीनो , नर ग्रह भी कहलाते है .
शनि ,राहु और केतु तीनो , पापी ग्रह बन जाते है.
शुक्र ,लक्ष्मी, चन्द्र माता,  दोनों स्त्री होते है.
बुध मुखन्नस चक्कर सभी का , जिसमे सब ये घूमते है.
नेकी बद्दी दो मंगल भाई ,शहद जहर दो मिलते है.
बढ़ लालच गर मारे दुनिया , नेक दान को गिनते है
इतना सा लिख कर हमे पंडित जी ने बहुत से रहस्यों को समझाने का प्रयास किया है अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आप पाएंगे कि उपरोक्त लिखे हुए मैं हमे ग्रहो की पूरी कहानी समझने पर मजबूर किया है बहुत कुछ लिख कर और बहुत कुछ न लिख कर मात्र इशारों से समझाने का प्रयास किया है जिसे हमे बहुत ही गहराई से समझना होगा .समझदार व्यक्ति के लिए तो इशारा  ही काफी होता है   ............ अगर हम ध्यान से देखे तो आपको लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान के फरमान नंबर ६ में कुल दो हाथों के चित्र जिसमे की ग्रहो और राशिओं  को समझाया गया है और एक कुंडली का चित्र जिसमे की ग्रहो के  पक्के घर और कुल दस सारिणी है जिनमे बहुत सी ज्ञान की बाते  रहस्य समझाए है   और इन रहस्यों को समझे बिना लाल किताब आपके लिए मात्र एक कोरी ज्योतिष की किताब रह  जाएगी और आपको लाल किताब के रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान की कुछ भी समझ नहीं आएगी   आज के लिए बस इतना ही बाकि फिर कभी ......तो याद रखे हमेशा  कि सबसे पहले अपने देवी -देवताओं और अपने गुरुओं को चरणवंदना करके आशिर्बाद लेकर इस ज्ञान को समझने का प्रयास करें ....     क्या कहती है लाल किताब......