Translate

Thursday 21 March 2019

होली

प्रश्न-- आज एक ज्योतिष ग्रुप में किसी जानकार ने मुझसे सम्बोधित होते हुए प्रश्न किया कि पवन कुमार वर्मा जी आप बताये  कि *होलिका एक स्त्री थी,और क्या एक स्त्री का दहन कर प्रसन्नता मनाना उचित है ?*
मेने उनको जो उत्तर दिया वो निम्नलिखित है

    *~~  """ हिंस्र:स्वपापेन विहिंसित: खल:*
                 *साधु:समत्वेन भयाद्विमुच्यते!!*

ये मत भूलिए कि होलिका ने अग्नि स्वयं अपने इच्छा से लगायी थी,और उस आग को लगाने वाले भी अपने थे,साथ में छोटा सा निरपराध बालक भी था!!

जो स्त्री अपने स्वार्थ के लिये एक छोटे से निरपराध बालक को अग्नि से मारने की इच्छा रखती हो,प्रथम बात तो वह स्त्री नही राक्षसी ही हो सकती है!

दूसरी बात यह कि वह स्वयं अग्नि से बचने  का उपाय करके गयी थी,अर्थात जलने नही जलाने गयी थी!

ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी--

जाको राखे साइयां-----

और जिसको आप मानव समाज की स्त्री समझ रहे हैं,वह मानवी नही दानवी थी!

राक्षसी का अर्थ समझते हैं ना??

*"राक्षसी रुधिरासना"*


*"अन्नाद्विनापि बलिनं नष्टनिद्रं निशाचरम् । निर्ल्लज्जमशुचिं शूरं क्रूरं परुषभाषिणम् ॥*
*रोषणं* *रक्तमाल्यस्त्रीरक्तमद्यामिषप्रियम् ।*
*दृष्ट्वा च रक्तं मांसं वा लिहानं दशनच्छदौ । हसन्तमन्नकाले च राक्षसाधिष्ठितं वदेत् ॥”*

अर्थात जीवों का रक्त मांस भक्षण करने वाली,हिंसा करने वाली!

बहुत से अर्थ हैं!!

आप अपने बच्चों के साथ सिंहनी या सर्पिणी को देखेंगे तो क्या करेंगे??

*दानवीय सभ्यता का दहन ही होली है!!*

*होली की हार्दिक शुभकामनाएं!!*

Research Astrologer's Pawan Kumar Verma ( B.A.,D.P.I.,LL.B.) & Monita Verma ( Vastu Exp. )
Astro. Research centre
Ludhiana, Punjab, Bharat.
Phone..9417311379
www.astropawankv.blogspot.com
www.facebook.com/astropawankv

Monday 18 March 2019

वैवाहिक सुख


—-यदि जन्म कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, द्वादश स्थान स्थित मंगल होने से जातक को मंगली योग होता है इस योग के होने से जातक के विवाह में विलम्ब, विवाहोपरान्त पति-पत्नी में कलह, पति या पत्नी के स्वास्थ्य में क्षीणता, तलाक एवं क्रूर मंगली होने पर जीवन साथी की मृत्यु तक हो सकती है। अतः जातक मंगल व्रत। मंगल मंत्र का जप, घट विवाह आदि करें।
—ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ विशेष ग्रह दोषों के प्रभाव से वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में उन ग्रहों के उचित ज्योतिषीय उपचार के साथ ही मां पार्वती को प्रतिदिन सिंदूर अर्पित करना चाहिए। सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से देवी मां की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी पारिवारिक क्लेश, झगड़े, मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
— सप्तम भाव गत शनि स्थित होने से विवाह बाधक होते है। अतः “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मन्त्र का जप ७६००० एवं ७६०० हवन शमी की लकड़ी, घृत, मधु एवं मिश्री से करवा दें।
—–राहु या केतु होने से विवाह में बाधा या विवाहोपरान्त कलह होता है। यदि राहु के सप्तम स्थान में हो, तो राहु मन्त्र “ॐ रां राहवे नमः” का ७२००० जप तथा दूर्वा, घृत, मधु व मिश्री से दशांश हवन करवा दें। केतु स्थित हो, तो केतु मन्त्र “ॐ कें केतवे नमः” का २८००० जप तथा कुश, घृत, मधु व मिश्री से दशांश हवन करवा दें।
—–सप्तम भावगत सूर्य स्थित होने से पति-पत्नी में अलगाव एवं तलाक पैदा करता है। अतः जातक आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रविवार से प्रारम्भ करके प्रत्येक दिन करे तथा रविवार कप नमक रहित भोजन करें। सूर्य को प्रतिदिन जल में लाल चन्दन, लाल फूल, अक्षत मिलाकर तीन बार अर्ध्य दें।
—-जिस जातक को किसी भी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो नवरात्री में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक ४४००० जप निम्न मन्त्र का दुर्गा जी की मूर्ति या चित्र के सम्मुख करें।

“ॐ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”

—–किसी स्त्री जातिका को अगर किसी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो श्रावण कृष्ण सोमवार से या नवरात्री में गौरी-पूजन करके निम्न मन्त्र का २१००० जप करना चाहिए-

“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।

तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”

—-किसी लड़की के विवाह मे विलम्ब होता है तो नवरात्री के प्रथम दिन शुद्ध प्रतिष्ठित कात्यायनि यन्त्र एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर स्थापित करें एवं यन्त्र का पंचोपचार से पूजन करके निम्न मन्त्र का २१००० जइ लड़की स्वयं या किसी सुयोग्य पंडित से करवा सकते हैं।

“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोप सुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।”

—–जन्म कुण्डली में सूर्य, शनि, मंगल, राहु एवं केतु आदि पाप ग्रहों के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो गौरी-शंकर रुद्राक्ष शुद्ध एवं प्राण-प्रतिष्ठित करवा कर निम्न मन्त्र का १००८ बार जप करके पीले धागे के साथ धारण करना चाहिए। गौरी-शंकर रुद्राक्ष सिर्फ जल्द विवाह ही नहीं करता बल्कि विवाहोपरान्त पति-पत्नी के बीच सुखमय स्थिति भी प्रदान करता है।

“ॐ सुभगामै च विद्महे काममालायै धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात्।।”

—-“ॐ गौरी आवे शिव जी व्याहवे (अपना नाम) को विवाह तुरन्त सिद्ध करे, देर न करै, देर होय तो शिव जी का त्रिशूल पड़े। गुरु गोरखनाथ की दुहाई।।”

उक्त मन्त्र की ११ दिन तक लगातार १ माला रोज जप करें। दीपक और धूप जलाकर ११वें दिन एक मिट्टी के कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े में बांध दें। उस कुल्हड़ पर बाहर की तरफ ७ रोली की बिंदी बनाकर अपने आगे रखें और ऊपर दिये गये मन्त्र की ५ माला जप करें। चुपचाप कुल्हड़ को रात के समय किसी चौराहे पर रख आवें। पीछे मुड़कर न देखें। सारी रुकावट दूर होकर शीघ्र विवाह हो जाता है।

—जिस लड़की के विवाह में बाधा हो उसे मकान के वायव्य दिशा में सोना चाहिए।
—-लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें तो लड़की अपनी चोटी खुली रखे। जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तब तक चोटी नहीं बाँधनी चाहिए।
—-लड़की गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेट कर रखे।
—पीपल की जड़ में लगातार १३ दिन लड़की या लड़का जल चढ़ाए तो शादी की रुकावट दूर हो जाती है।

विवाह में अप्रत्याशित विलम्ब हो और जातिकाएँ अपने अहं के कारण अनेल युवकों की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अस्वीकार करती रहें तो उसे निम्न मन्त्र का १०८ बार जप प्रत्येक दिन किसी शुभ मुहूर्त्त से प्रारम्भ करके करना चाहिए—

“सिन्दूरपत्रं रजिकामदेहं दिव्ताम्बरं सिन्धुसमोहितांगम् सान्ध्यारुणं धनुः पंकजपुष्पबाणं पंचायुधं भुवन मोहन मोक्षणार्थम क्लैं मन्यथाम।
महाविष्णुस्वरुपाय महाविष्णु पुत्राय महापुरुषाय पतिसुखं मे शीघ्रं देहि देहि।।”

—-किसी भी लड़के या लड़की को विवाह में बाधा आ रही हो यो विघ्नकर्ता गणेशजी की उपासना किसी भी चतुर्थी से प्रारम्भ करके अगले चतुर्थी तक एक मास करना चाहिए। इसके लिए स्फटिक, पारद या पीतल से बने गणेशजी की मूर्ति प्राण-प्रतिष्टित, कांसा की थाली में पश्चिमाभिमुख स्थापित करके स्वयं पूर्व की ओर मुँह करके जल, चन्दन, अक्षत, फूल, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करके १०८ बार “ॐ गं गणेशाय नमः” मन्त्र पढ़ते हुए गणेश जी पर १०८ दूर्वा चढ़ायें एवं नैवेद्य में मोतीचूर के दो लड्डू चढ़ायें। पूजा के बाद लड्डू बच्चों में बांट दें।
यह प्रयोग एक मास करना चाहिए। गणेशजी पर चढ़ये गये दूर्वा लड़की के पिता अपने जेब में दायीं तरफ लेकर लड़के के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें।

—- तुलसी के पौधे की १२ परिक्रमायें तथा अनन्तर दाहिने हाथ से दुग्ध और बायें हाथ से जलधारा तथा सूर्य को बारह बार इस मन्त्र से अर्ध्य दें—-
“ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्र किरणाय मम वांछित देहि-देहि स्वाहा।”

फिर इस मन्त्र का १०८ बार जप करें-

“ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्र प्रिय यामिनि। विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे।”

—-गुरुवार का व्रत करें एवं बृहस्पति मन्त्र के पाठ की एक माला आवृत्ति केला के पेड़ के नीचे बैठकर करें।

—–कन्या का विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो तो एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी-सी हल्दी, एक सिक्का डाल कर लड़की के सिर के ऊपर ७ बार घुमाकर उसके आगे फेंक दें। उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
—–जो माता-पिता यह सोचते हैं कि उनकी पुत्रवधु सुन्दर, सुशील एवं होशियार हो तो उसके लिए वीरवार एवं रविवार के दिन अपने पुत्र के नाखून काटकर रसोई की आग में जला दें।
—–विवाह में बाधाएँ आ रही हो तो गुरुवार से प्रारम्भ कर २१ दिन तक प्रतिदिन निम्न मन्त्र का जप १०८ बार करें-
“मरवानो हाथी जर्द अम्बारी। उस पर बैठी कमाल खां की सवारी। कमाल खां मुगल पठान। बैठ चबूतरे पढ़े कुरान। हजार काम दुनिया का करे एक काम मेरा कर। न करे तो तीन लाख पैंतीस हजार पैगम्बरों की दुहाई।”

—-किसी भी शुक्रवार की रात्रि में स्नान के बाद १०८ बार स्फटिक माला से निम्न मन्त्र का जप करें-
“ॐ ऐं ऐ विवाह बाधा निवारणाय क्रीं क्रीं ॐ फट्।”

—-लड़के के शीघ्र विवाह के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ७० ग्राम अरवा चावल, ७० सेमी॰ सफेद वस्त्र, ७ मिश्री के टुकड़े, ७ सफेद फूल, ७ छोटी इलायची, ७ सिक्के, ७ श्रीखंड चंदन की टुकड़ी, ७ जनेऊ। इन सबको सफेद वस्त्र में बांधकर विवाहेच्छु व्यक्ति घर के किसी सुरक्षित स्थान में शुक्रवार प्रातः स्नान करके इष्टदेव का ध्यान करके तथा मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े। यह पोटली ९० दिन तक रखें।
लड़की के शीघ्र विवाह के लिए ७० ग्राम चने की दाल, ७० से॰मी॰ पीला वस्त्र, ७ पीले रंग में रंगा सिक्का, ७ सुपारी पीला रंग में रंगी, ७ गुड़ की डली, ७ पीले फूल, ७ हल्दी गांठ, ७ पीला जनेऊ- इन सबको पीले वस्त्र में बांधकर विवाहेच्छु जातिका घर के किसी सुरक्षित स्थान में गुरुवार प्रातः स्नान करके इष्टदेव का ध्यान करके तथा मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े। यह पोटली ९० दिन तक रखें।
—-श्रेष्ठ वर की प्राप्ति के लिए बालकाण्ड का पाठ करे।


Research Astrologer's Pawan Kumar Verma ( B.A.,D.P.I.,LL.B.) & Monita Verma ( Vastu Exp. )
Astro. Research centre
Ludhiana, Punjab, Bharat.
Phone..9417311379
www.astropawankv.blogspot.com
www.facebook.com/astropawankv

     

Monday 4 March 2019

महाशिवरात्रि के मंत्र जप

*महाशिवरात्रि पर राशिनुसार करें इन शिव मंत्रों का जप*
***************************
⭕महाशिवरात्रि के दिन करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी, आपकी दिनों-दिन तरक्की होगी और आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा। जानिए विभिन्न राशि वालों को आज के दिन किस विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए।

⭕शुभ मुहूर्त
इस बार शिवरात्रि 3 मार्च की रात 12:43 बजे से शुरू हो जाएगा जो मुहूर्त 4 मार्च को रात 1:54 तक रहेगा श्रवण नक्षत्र 4 मार्च की सुबह शुरू होगा, ऐसे में इसी दिन शिवरात्रि मनाना शुभ होगा।

⭕महाशिवरात्रि के दिन करने उपवास और शिव पूजन करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी, आपकी तरक्की होगी और आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा। 

जानिए राशि अनुसार इस दिन किस विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए जो आपको सफलता प्रदान करेगा।

⭕मेष राशि
आज महाशिवरात्रि के दिन आप शिवजी के अघोर मंत्र का जाप करें। मंत्र है-
'ॐ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः। सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः'।।

⭕वृष राशि
आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए- 
'ॐ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ॐ नमः'।।

⭕मिथुन राशि
आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए- 
'ॐ शिवाय नमः ॐ'।।

⭕कर्क राशि
आप इस मंत्र का जाप करें- 
'ॐ शं शिवाय शं ॐ नमः'।।

⭕सिंह राशि
महाशिवरात्रि के दिन आप इस मंत्र का जाप करें- 
'नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं'।।

⭕कन्या राशि
आपको इस दिन शिव जी के त्र्यम्बक मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है
 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥'

⭕तुला राशि
आप इस मंत्र का जाप करें-
'ॐ शं भवोद्भवाय शं ॐ नमः'।।

⭕वृश्चिक राशि
आप आज के दिन इस मंत्र का जाप करें-
'निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं'।।

⭕धनु राशि
आप इस दिन इन विशेष मंत्रों का जाप करें-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं आं शं शंकराय मम सकल जन्मांतरार्जित पाप विध्वंसनाय श्रीमते आयुःप्रदाय, धनदाय,
पुत्रदारादि सौख्य प्रदाय महेश्वराय ते नमः।1

कष्टं घोर भयं वारय वारय पूर्णायुः वितर वितर मध्ये मा खण्डितं कुरु कुरु सर्वान् कामान् पूरय पूरय शं आं क्लीं ह्रीं ऐं ॐसम संख्याम सावित्रीम् जपेत् ।2
ॐ तत्पुरुषाय च विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात ।।3

⭕मकर राशि
आप आज महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप करें-
'ॐ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ॐ।।

⭕कुंभ राशि
इस मंत्र का जाप करें-
'ॐ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ॐ नमः शिवाय'।।

⭕मीन राशि
आप आज के दिन इस मंत्र का जाप करें-
'ॐ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ॐ'।।

     Research Astrologer's Pawan Kumar Verma ( B.A.,D.P.I.,LL.B.) & Monita Verma ( Vastu Exp. )
Astro. Research centre
Ludhiana, Punjab, Bharat.
Phone..9417311379
www.astropawankv.blogspot.com
www.facebook.com/astropawankv