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Friday 5 December 2014

लाल किताब का रहस्यमयी वास्तु ज्ञान.........

लाल किताब का रहस्यमयी वास्तु ज्ञान.........
आज  मैं  फिर  से  आपके  साथ  लाल  किताब  के  रहस्यमयी  ज्योतिष  ज्ञान  पर  विचार  विमर्श  करने  जा  रहा  हु   और  आज  मैं  आपको  लाल  किताब  के  रहस्यमयी   ज्ञान   के  अथाह  समुन्दर  में  से   एक  और  रहस्य  के  बारे  में  मैं  आपको  बताने  जा  रहा  हु  और  वो  रहस्य  है  लाल  किताब  का  रहस्यमयी  वास्तु   ज्ञान..  आज  आप  सब  जानगे  की  क्या  कहता  है  लाल  किताब  का  रहस्यमयी  वास्तु  ज्ञान . ..
लाल  किताब  के  इस  रहस्यमयी  वास्तु  ज्ञान  का  सबसे  बड़ा  रहस्य  तो  यह  है  कि  जिस  तरह   से  वैदिक  ज्योतिष -वास्तु  शास्त्र  में   वास्तु  शास्त्र  के  नियम  सबके  लिए  एक  ही  है  और  वो  सब  पर  लागु  होते  है  जैसे  नार्थ -ईस्ट  यानि  ईशान  कोण में   पानी  (जल  ) या  पूजा  घर  या  स्टडी  रूम .. बगेरा  और   ईस्ट -साउथ  यानि  अग्नि  कोण  अग्नि  यानि  रसोई  घर  या  अग्नि  से  रिलेटेड  चीजे  इत्यादि  ....यानि  सभी  साइड में  चाहे  वो  पूर्व  या  पछिम  और  उत्तर  या  दक्षिण  हो  सब  में   प्रत्येक  साइड  किसी  न  किसी  के  लिए  फिक्स  है  जैसे  नार्थ  ईस्ट  पूजा  घर  साउथ  वेस्ट  मास्टर  बैडरूम  या  स्टोर  इत्यादि .....लेकिन  लाल  किताब  के  रहस्य्मयी  इस  वास्तु  ज्ञान  के  अपने  नियम  है और अपनी व्याख्या है   और  इसका  अपना  फलित  करने  का  अपना  ही  रहस्य  है  जिसे  समझना  आसान  नहीं  है  क्यूंकि  इसका  हर  एक  अक्षर  अपने  आप  में  कई -  कई  रहस्य  समेटे   बैठा  है   .....
जैसे  कि  मैंने  आपको  पहले  (  पिछले लेखो में )  व्याकरण  वाले  रहस्य  में   बताया  था  कि  लाल  किताब  के  रहस्यमयी  ज्ञान  में   कुंडली  के  12 घर  या  12 खाना    किसी  न  किसी  ग्रह  के  पक्के  घर  है  और  उनके  अपने अपने  कारक  है  जिनका  मैं   पहले  ही अपने पिछले  लेखो में  जिकर  कर  चूका  हु  ...इत्यादि ..  उसी  तरह   से  लाल  किताब  के  रहस्यमयी  ज्ञान  में   वास्तु  के  रहस्य  को  मकान  कुंडली  से  याद  किया  जाता  है  और  इसको  बनाने  का  अपना  ही  एक  तरीका  है  और  इसमें  कुंडली  के  12 घर  किसी  न  किसी  दिशा  से  सम्बन्ध   रखते  है  और  घर  के  अंदर - बाहर   का  ज्ञान   करवाते  है  मकान  कुंडली  में   भी  खाना   (घर )  फिक्स  है  ...इस  रहस्यमयी  ज्ञान  में   पंडित  जी  ने  हमे  बहुत  ही  प्यार  से  समझाया   है  कि  मकान कुंडली को किस तरह से बनाना है और उसको   किस  तरह   से  देखना   है और  टेवे या कुंडली वाले की  वो  जमीन  या  घर    जिसे  बना  रहे  है  या  पहले ही   बनाया  हुआ  है या वो!
  खाली जमीन हैं  वो  मकान या जमींन  के   मालिक  के  लिए  शुभ  है  या  अशुभ  है  और  इस  रहस्य  में   हमे  बताया  है  कि  मकान  कुंडली  कैसे  बनायीं  जाये  और  उस  मकान  कुंडली  जो   आपकी  जन्मकुंडली  को  देख  कर  और  जन्मकुंडली   को  दरुस्त  करने  के  बाद  ही  बनानी  होती  है .जिस  के  बनाने  के  बाद  बहुत  से  रहस्य्य  उजागर  होने  लग  जाते  है  ..
आपने  कई  बार  बहुत  से  लोगो  से  सुना  होगा  कि  ज्योतिष  में   उनका  बहुत  विश्वास   है  लेकिन  उपाओ  करने  पर  भी  उनको  उसका  फल  पूरी  तरह   से  नहीं  मिलता  या  सब  कुछ  सही  करने  पर  भी  असर   होता हुआ  दिखाई  नहीं  देता  या  फिर  उसकी  कुंडली  में   ज्योतिष  शास्त्र  के  अनुसार   बहुत  से  अच्छे  -अच्छे  ग्रह  योग   है  फिर  भी  उसकी  ज़िंदगी  से  परेशानियां   और  दुःख  तकलीफ  जाती  ही  नहीं ...ऐसी  बहुत  सी  बातें  है  जिनका  उस  जातक  को  जवाब  नहीं  मिल  रहा  होता  है ...  ऐसी  बहुत  सी  बातों  का  जवाब  हमे  इस  रहस्यमयी  ज्ञान  से  बहुत ही    आसानी  से  मिल  जाता  है  बस  शर्त  यही  है  कि जन्मकुंडली या टेवे को  देखने  वाले  की  इस  रस्यमयी  ज्ञान  पर पूरी  पकड़  (रहस्य  को  पूरी  तरह  से  जानने समझने  वाला ) होनी  जरुरी  है ..आप  सब  समझ  गए  होंगे  कि  मैं  क्या  कहना  चाहता  हु  क्यूंकि  समझदार  के  लिए  इशारा   ही  काफी  होता  है .... आजकल  हर  कोई   कहता  है  कि  मुझ  से  बढ़!
 कर  कोई  नहीं... हरेक ज्ञान है मेरे पास .......लेकिन जब ध्यान से देखते और परखते है तो पता चलता है कि   उसके  पास  मैं  उस  ज्ञान  का  होता  कुछ  भी  नहीं ....... मैं किसी की बुराई या कमी न हीं बता रहा हु क्यूंकि .ज्ञानवान  और महान व्यक्ति इस दुनिआ में बहुत से है लेकिन आजकल जिन्हे कुछ भी नहीं आता वो अपने आपको ज्यादा ज्ञानवान बताते है...........
तो मैं बात कर रहा था लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान के वास्तु रहस्य की .....
लाल  किताब  के  रहस्यमयी  ज्ञान  के  इस  रहस्य  का  सबसे  बड़ा  रहस्य  यह  है  कि  इसका वास्तु सबके लिए अलग -अलग है और उसके  नियम भी सबके लिए अलग अलग है जोकि उसकी अपनी जन्मकुंडली के ग्रहों के  अनुसार होंगे यानि सबके लिए एक ही नियम लागु न होगा प्रत्येक व्यक्ति की जन्मकुंडली के ग्रहो के अनुसार नियम होंगे आदि बहुत सी बातें होगी जो सबके लिए अलग -अलग  होगी और    आप  मकान  कुंडली  से  अपने  टेवे  यानि  अपनी  जन्मकुंडली  की  भी  दरुस्ती  कर  सकते  है  जैसे  मान  लो  आपकी  जन्मकुंडली   मैं  शुक्र   कुंडली  के  खाना  नंबर   5 में   है  और  सूरज  कुंडली  के  खाना  नंबर  9 में   है   तो लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान से हमे पता चलता है कि जब हम उस जातक का मकान यानि उसका घर  आप  देखंगे  तो उस  जातक  के  घर  की  पूर्व  की  तरफ  कच्ची  जमीन / कच्ची मिटटी की दीवार   या शुक्र ग्रह  की चीजों जैसे गाए इत्यादि   का  तालुक   होगा ...और  उसके  मकान  के  वीच  में   खुल!
 ा  वेह्ररा  या  घर /मकान के अंदर  सूर्य  की  रौशनी  आती  होगी .इत्यादि  . और आपकी कुंडली के ग्रहों के अनुसार आप को  मकान दूकान आदि किस दिशा में फ़ायदा देगी और किस दिशा में नुक्सान .. इत्यादि
 लाल किताब  के रहस्यमयी ज्ञान के इस वास्तु रहस्य   ज्ञान  में    हमे  पंडित जी ने बहुत ही ज्ञान की बातें समझायी है   कि जैसे  कुंडली  के  खाना  नंबर  1 से  9 में   बैठे   ग्रह  अपना  अपना  असर  मकान  में  अंदर  जाते   हुए   दायें  हाथ  की  तरफ  का  पता  देते  है  और  12 से  खाना  नंबर  10 तक  बैठे ग्रह  मकान  के  बाएं  तरफ  को  जाहिर  करते  है ..
इस  रहस्यमयी  ज्ञान  में    हमे  यह  भी  समझाया   गया  है   कि लाल किताब की दरुस्त की गयी   जनम  कुंडली  में  शनि  ग्रह  किस खाना में बैठा हो   तो   हमे  मकान    बनाना  चाहिए  या  नहीं  और   मकान /घर बनाने  से  फ़ायदा  होगा  या  नुक्सान  होगा  और वो नुक्सान हमारे परिवार में किस तरफ होगा अपने घर में या नानके या दादके परिवार में इत्यादि ...  जैसे  अगर  कुंडली  के  खाना  नंबर  1 में   शनि  ग्रह  बैठा  हो  और  खाना  नंबर  7 और  10 और  6 में  कोई  ग्रह  बैठा  हो  जिनकी  आपस  मैं  न  बनती  हो  और  8 खाना  भी  दूषित  हो  या फिर  वो  जातक अपने कर्मो से शनि और शुक्र ,मंगल ग्रह को दूषित कर रहा हो  तो    ऐसा  जातक  अगर  मकान /घर  बना  ले  तो  लोगो  की  नज़रों  मैं  तो  मकान  बन  गया  होगा  पर  उसको  अब  रोटी  से  भी  तरसना  होगा  यानि  गरीबी  कष्ट  परेशनिया    उसका  पीछा   नहीं  छोड़ेगी  और उसके अपने ही उसे घर से दर- बदर करते होंगे   और  वो  आम  कहता  सुना  होगा  कि  जब  से  मकान  बनाया  है  सà!
 �¬  कुछ  खतम  होता  जा  रहा  है ...तो  इस रहस्य  से  हमे  यह  पता  चलता  है  की  हमे  शनि  ग्रह  किसी  भी   हाल  में   ख़राब  नहीं  करना  उपरोकत  हाल  अगर  किसी  की  कुंडली  में   शनि ,मंगल,और शुक्र  दूषित हो या वो ग्रहो को   ख़राब कर   रहा  हो  तो  भी  मकान  के  बाद  हाल  बुरा  होता  है  या  वो  जातक   अपनी पूरी ज़िंदगी में  मकान  बनाने के लिए बहुत जिद्दोजहद करता होगा लेकिन बना नहीं  पता  है .... ..
और  इस  रहस्य  में   हमे  मकान / कमरा  की  पैमाईश  करने  का   रहस्य  भी  बताया  है  जिस  को  करने  से  हमे  मकान  किस  हैसियत  का  होगा  पता  चल  जायेगा  .... ...ऐसी  और  भी  बहुत  सी  बातें  है  जिनका  अगर  जिकर   करें  तो  पूरी  किताब  लिखी  जा  सकती  है ..इस  समय  तो
 मैं  आपको  इसके  रहस्य  के  बारे  में  अवगत  करवा  रहा  हु ..लेकिन  आने  बाले  समय  में  मैं  आपको अपने लेखो में   मैं आपको समझाने की कोशिश करूँगा कि  इसका वास्तु रहस्य कैसे काम करता है कैसे मकान कुंडली बनानी है और कैसे जन्मकुंडली देख कर हमे व्यक्ति के मकान /घर के बारे में जानकारी होगी और जन्मकुंडली से ही अपने या अपने रिश्तेदारों का कैसे पता चलता है और क्या जातक मकान /घर अपनी ज़िंदगी में बना पायेगा और मकान /घर बनाने के बाद फ़ायदा या नुक्सान होगा  इत्यादि ..   इसकी  एक  एक  बात  या  रहस्य  को ( जिन रहस्य को मैं आज तक समझ पाया हु  ) तफ्सील  से  भी  बताऊंगा   जिसके  लिए  आप  मुझे  इसी  तरह   से  प्यार  देते  रहे  और  मेरे  साथ  जुड़े  रहे  आज  के  लिए  बस  इतना  ही  बाकि  फिर  सही ..कि  क्या  कहता  है  लाल  किताब  का  रहस्यमयी  ज्ञान   वास्तु ज्ञान आपके  लिए .....
पवन कुमार वर्मा          रिसर्च एस्ट्रोलोजर

PAWAN KUMAR VERMA     ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)     RESEARCH ASTROLOGER