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Wednesday 26 August 2015

# रहस्यमयी लाल किताब के उपाय करने के महत्वपूर्ण नियम

# रहस्यमयी  लाल किताब के उपाय  करने के महत्वपूर्ण  नियम :-
रहस्यमयी  लाल किताब के उपाय  कैसे  और कब करें ...
1. रहस्यमयी  लाल किताब के उपाय  करने के अपने नियम कायदे  है अगर कोई भी व्यक्ति  रहस्यमयी  लाल किताब के नियमो के अनुसार उपाय  करे तो उसको निश्चित ही उसकी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा किसी भी उपाय  को करने से पहले उपाय  करने वाला  व्यक्ति अपने गुरु महाराज देवी -देवताओं को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेकर उपाय  करे और जिस भी उपाय  को वो कर रहा है उस उपाय  में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखकर करे.अधूरे मन से व् बिना विश्वास से किया हुआ उपाय  हमेशा निष्फल होता है इसलिए मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप कोई भी उपाय  करें पहले अपने मन में श्रद्धा और विश्वास रखें और अपने गुरु महाराज और देवी -देवताओं का नाम लेकर उनको प्रणाम करके ही उपाय  करें ऐसा करने से आपके दुवारा किया गया उपाय  कल्याणकारी सिद्ध होगा
2. आप अपना उपाय  खुद करें या फिर आपका उपाय  आपका खून का रिश्तेदार भी कर सकता है जैसे माता -पिता ,भाई -बहन ,दादा -दादी , पुत्र -पुत्री में से कोई एक उपाय  कर सकता है ..
3. उपाय  सूर्य निकलने  के बाद और सूर्य छिपने से पहले पहले ही करना होता है रात  के समय उपाय  करना कई बार अशुभ फल भी दे सकता है जिस उपाय  को सूर्य छिपने के बाद करने को कहा गया हो केवल उसी उपाय  को सूर्य छिपने के बाद करें .
4. उपाय  शुरू करने के लिए कोई खास दिन जैसे सोमबार ,मंगलवार या पूर्णिमा, अमावस्या ,सक्रांति आदि का कोई विचार नहीं किया जाता है .
5. एक दिन में केवल एक ही उपाय  करना होता है .
6. जो भी परहेज बताये जाते है उनको नियमपूर्वक करें जैसे  मॉस शराब न खाएं न पियें ,चाल -चलन यानि उच्च चरित्र का पालन करें ,झूठी गवाही न देवे ,...इत्यादि . अगर उपाय के साथ परहेज भी करोगे तो उपाय पूर्ण फलदायी होगा   
7. मासिक धर्म के दौरान महिलाएं धार्मिक सथानो पर न जाये व् उपाय न करें वो अपने रिश्तेदारों से उपाय करवा सकती है
8. लम्बे चलने  वाले  उपाय चतुर्थी ,नवमी चौदस तिथि को शुरू न करें .एक दिन वाले उपाय इन दिनों में किये या सकते है
9. जो उपाय की चीजें उपाय के लिए बताई गयी हो वो उन चीजों को उपाय वाले दिन आप व्  परिवार में न खाएं .
10.  प्रत्येक उपाय जितने दिनों के लिए कहा गया हो उतने दिन अवश्य करें लम्बे उपाओ करते समय अगर किसी कारण से टूटता हो या किसी कारण से बीच में बंद करना हो तो उस दिन थोड़े से चावल कच्चा दूध से धोकर सफ़ेद कपडे में बांधकर पास रख ले जब दुबारा उपाय करना हो तो उन चावलों को धर्म -स्थान  में या चलते  पानी में या फिर किसी बाग़ -बगीचे में रख दे ..फिर उपाय शुरू कर देवे ऐसा करने से वो उपाय अधूरा नहीं होगा और उसका आपको पूर्ण फल मिलेगा               . 
 11. अगर कोई भी व्यक्ति उपरोक्त लिखे  नियमो के अनुसार उपाय  करे तो उसको निश्चित ही उसकी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा किसी भी उपाय  को करने से पहले उपाय  करने वाला  व्यक्ति अपने गुरु महाराज देवी -देवताओं को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेकर उपाय  करे और जिस भी उपाय  को वो कर रहा है उस उपाय  में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखकर करे.अधूरे मन से व् बिना विश्वास से किया हुआ उपाय  हमेशा निष्फल होता है इसलिए मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप कोई भी उपाय  करें तो सबसे  पहले अपने मन में श्रद्धा और विश्वास रखें और अपने गुरु महाराज और देवी -देवताओं का नाम लेकर उनको प्रणाम करके ही उपाय  करें ऐसा करने से आपके दुवारा किया गया उपाय  कल्याणकारी सिद्ध होगा .
 PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)
                         RESEARCH  ASTROLOGER
                                          GOLD MEDALIST
LUDHIANA ,PUNJAB , INDIA
PHONE:- 9417311379 .
astropawankv.blogspot.com

Friday 7 August 2015

# क्या कहता है कालसर्प योग ... ...

 # क्या  है  कालसर्पयोग ........
आज मैं आपके साथ एक नए विषय पर बात करने जा रहा हु वो है कि क्या है कालसर्प योग /दोष .. पर उस से पहले एक बात में आपके साथ करना चाहता हु
हमारा  भारत देश प्राचीन ऋषियों ,मुनियों ,संत महात्माओं की भूमि है हमारे भारत देश में आज भी विदेशी देशों से कही ज्यादा पूजा पाठ हो रही है शांति विधान हो रहे है लेकिन फिर भी देखने सुनने  पर ऐसा महसूस क्यों  होता है कि सबसे ज्यादा दुखी -परेशान हम  भारतीय लोग ही है हमारा भारत देश ज्ञान -विज्ञानं से भरा हुआ है यहाँ पर  कोई न कोई चमत्कार सुनने को मिल जाता है और उन चमत्कारों के बारे में आज का विज्ञानं कुछ कह नहीं पाता है  यहाँ पर पग  पग पर किसी न किसी तरह का ज्ञान छुपा  बैठा है लेकिन आज किसी को भी अध्ययन करने की फुर्सत ही कहाँ है यही बजह है कि हम लोग आज जो इतनी पूजा -पाठ करते है या तो  हमे उसका विधान नहीं पता और  या  फिर उसके पीछे छुपा ज्ञान नहीं पता हमे धर्म के नाम के पीछे छुपे  रहस्यमयी ज्ञान का पता ही  नहीं ..बस एक अंधी दौड सी लगी हुई  है और हम सब बिना कुछ समझे जाने बस भाग रहे है यही हमारा दुर्भाग्य है जिस  के कारण हम लोग दुखी कष्ट और परेशानियों   वाला जीवन जी रहे है   भारत देश का यह   बहुत   ही बड़ा  सौभाग्य  है कि ज्यादातर  संत महात्माओं ,ऋषि  ,मुनियों  पुण्य  आत्माओं  ,और अवतारों  का जनम  इसी  धरती  पर  हुआ है हमारे  वेद  पुराण  धार्मिक  साहित्यों  में ज्ञान और शक्ति  का अथाह  भंडार  छिपा  हुआ है इनमे  ब्रह्माण्ड  का रहस्य  प्राचीन ज्ञान और विज्ञानं के रहस्यमयी सूत्र छुपे हुए है लेकिन किसी  के पास  इतना  समय  नहीं की कोई इनकी  सुध  ले  इनका  गहराई से अध्ययन  करे और अगर कोई कभी कोई अध्य्यन करता भी है तो वो इसकी गहराई में न जाकर ,चिंतन न करके इसकी आलोचना शुरू कर देता है  और आज का आम आदमी तो बेचारा अपनी रोज़ी रोटी के जुगाड़ में  ही जीवन गुजार  कर चला जाता है  हमारे ऋषियों ,मुनियों ने हमारे यहाँ पर मंदिरों /धार्मिक स्थानों का निर्माण इस लिए करवाया था ताकि हम लोग अपने आराध्या देवी- देवता ,गुरुओं  को देखकर उन के जैसे बनने  की कोशिश करें जैसे भगवन श्री राम  जी के मंदिर में मर्यादा पुरषोतम श्री  राम जी  है क्या उन को पूजने  वाले भी उनकी तरह मर्यादा का पालन कर रहे है या फिर भगवान श्री  कृष्ण जी  के जो  भक्त है उनमे से कितने  कर्मयोगी है हमे अपने देवी देवताओं से हमेशा  यह शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए कि  उनके कुछ अच्छे   अंश तो  हमारे भीतर भी विकसित हो. ... धर्म समझने का विषय है चिंतन का विषय है अध्ययन और मनन  और कर्म का विषय है .... मात्र सुनने का नहीं.....

आजकल  ज्योतिष ज्ञान में ज्योतिषी लोग जिस विषय के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा कर रहे है वो है कालसर्प योग कोई भी व्यक्ति जब यह सुनता है कि उस की जन्मकुंडली में कालसर्प योग है तो वो व्यक्ति भयभीत सा हो जाता है और वो व्यक्ति उससे मुक्ति पाने के लिए कई तरह के उपाओ में लग  जाता है और इसमें कुछ लालची लोग जोकि अपने आपको महान  विद्वान कहते है ऐसे व्यक्तियों का जोकि कालसर्प योग के डराए हुए होते है का भरपूर फ़ायदा उठाते है
सबसे पहली बात कि जिन लोगो की जन्मकुंडली में कालसर्प योग बना हुआ है उनको भयभीत होने की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योकि कालसर्प योग सदा ही हानिकारक नहीं होता है सबसे पहले तो यह देखना होता है कि जातक की जन्मकुंडली में कालसर्प योग है या कि कालसर्प दोष है अगर हम कालसर्प योग पर विचार करें तो हम पाएंगे कि हमारे प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में कही भी कालसर्प योग का उल्लेख नहीं मिलता है लेकिन सर्प योग का उल्लेख जरूर मिलता है लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर उल्लेख नहीं मिलता है तो कालसर्प योग होता ही नहीं है जिस तरह से हमारे प्राचीन ग्रंथों में कैंसर या एड्स जैसे रोगो का उल्लेख नहीं मिलता है तो इस का यह मतलव नहीं कि यह रोग ही नहीं है सबसे पहले तो हम यह जान ले कि कालसर्प योग बनता कैसे है यह राहु केतु के कारण बनता है और कुंडली में राहु केतु से देखा जाता है  यह तो आप सब जानते ही है  कि सप्ताह के सातों दिन ग्रहों!
  के नाम से जाने जाते है जैसे सूर्य -रविवार ,चन्द्र  - सोमवार ,मंगल - मंगलवार ,बुध - बुधवार ,गुरु -गुरूवार ,शुक्र - शुक्रवार और  शनि - शनिवार लेकिन यह तो सात हुए और ग्रह है नौ ..माने जाते है तो बाकि  दो ग्रह राहु और केतु छाया ग्रह माने गए है हमारे ज्योतिष ज्ञान के ग्रंथों में राहु को सिर का भाग और केतु को सिर के बिना बाकी का शरीर माना गया है सिर में विचार शक्ति तो होती है लेकिन क्रिया शक्ति का आभाव होता है और इसी तरह से अगर हम सिर को छोड़ कर देखें तो बाकी के शरीर में क्रिया शक्ति तो होती है लेकिन विचार शक्ति का आभाव होता है राहु ग्रह आद्रा ,स्वाति ,और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी माना गया है आप देखंगे कि यह तीनो नक्षत्रों में  आद्रा नक्षत्र  मिथुन राशि में जिस का मालिक बुध ग्रह है और स्वाति नक्षत्र तुला राशि में जिस का मालिक शुक्र है और शतभिषा नक्षत्र कुम्भ राशि में जिस का मालिक ग्रह शनि है अब आप देखंगे कि  बुध ग्रह बुद्धि का प्रतीक और शुक्र ग्रह भोग -विलास आनंद का और शनि ग्रह न्याय उदारता का प्रतीक है और आप ज्योतिष ज्ञान के ग्रंथों में देखंगे कि  आद्र्रा नक्षत्र के स्वामी रूद्र है और इसी तरह से आप देखंगे कि केतु ग्रह अशिवनी ,मघा ,और मुला  नक्षत्रों का स्वामी मन गया है और अशिवनी मेष ( मंगल ) राशि ,मघा सिंह ( सूर्य )राशि में  और मुला धनु   (गुरु ) राशि में इस तरह से हम देखते  है कि राहु केतु का सबंध  किसी न किसी रूप में बुध ,शुक्र ,शनि,मंगल ,सूर्य और गुरु से बनता है बुध  बुद्धि जुबान ,शुक्र भोग -विलास ऐशोआराम ,शनि उदासी बैराग्य ,मंगल गुस्सा ज़िद्दी ,सूर्य चमक कर्म ,गुरु ज्ञान उपदेश आदि अगर जन्मकुंडली में सारे के सारे यानि सातों ग्रह राहु और केतु के अधीन  है यानि इन  सातों ग्रहों के एक  तरफ राहु है और दूसरी तरफ केतु है तो कालसर्प योग /दोष का निर्माण  कुंडली में हो रहा है इस तरह से कुंडली के 12 खानो के अनुसार 12 प्रकार  का कालसर्प योग होता है लेकिन अगर हम जन्मकुंडली का गहराई से अध्ययन  करें तो यह कुल 288 प्रकार का बनता है लेकिन अध्य्यन में 12 प्रकार का ही लिया  जाता है लोगो को कालसर्प  योग से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि कालसर्प योग हमेशा हानिकारक नहीं होता है हमारे देश के बहुत से महान व्यक्तियों की जन्मकुंडलियां में कालसर्प योग पाया गया है जैसे हमारे प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ,मोरार जी देसाई,और भारत की महान गायिका लता मंगेशकर और आचार्य रजनीश हमारे राम कथाकार मोरारी बापू जी जैसे और भी बहुत से महान व्यक्तियों की जन्मकुंडलियां में कालसर्प योग की उपस्थिति के कारण ही बे लोग महान और यशस्वी  हुए   ..
कालसर्प योग के प्रकार :- खाना नंबर 1 से खाना नंबर 7 तक बनने वाले कालसर्प योग को अन्नंत कालसर्प योग कहते है इस योग के कारण जातक को मानसिक अशांति ,जातक के गर्दन के ऊपर के हिस्से यानि उसके चेहरे या सिर पर चोट लगने का भय जिस का निशान सारी उम्र रहेगा  ,कामो में परेशानियां गुस्सा वाला कोर्ट -कचेहरी और बिज़नेस में नुक्सान होने की ज्यादा संभावना और उस जातक को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी में बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है   ऐसे व्यक्ति पर नज़र दोष का भय होता है  ऐसे जातक के अध्ययन करने पर ज्यादातर  पाया गया उसकी  नाना , नानी या दादा दादी में से किसी  की अकाल मृत्यु होती है लेकिन अगर कुंडली में ग्रह योग शुभ फल के हो तो अध्ध्यन करने पर पाया गया है कि ऐसा योग राजयोग भी सिद्ध हुआ है और ऐसा जातक विदेश गमन करता है और विदेश में पैसा भी कमाता है ......
आज के लिए इतना ही काफी है बाकी अगली बार आपके साथ कि क्या  कहता है कालसर्प योग ....

नोट......अपनी जन्मकुंडली को लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान से दरुस्त करवाने या बनबाने या फिर दिखाने और अपने उपायों को जानने के लिए आप मुझ से संपर्क कर सकते हो .( You may contact me on my mobile no. +919417311379 for a paid consultation.)....

......PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)
                                      Research Astrologer
                                                Gold Medalist
                                      Ludhiana,Punjab,India.
                                            PH. 9417311379.
astropawankv.blogspot.com