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Wednesday 7 October 2015

# राशि रत्न ( Lucky Stone ) ..

#आज मैं आपके साथ रहस्यमयी  ज्योतिष ज्ञान  के एक और रहस्य के बारे में विचार विमर्श करने जा रहा हूँ . और वो रहस्यमयी ज्ञान है राशि रत्न  ( Lucky stone ) .. रत्नो के प्रति प्रत्येक व्यक्ति का आकर्षण रहा है और रत्नो की  उपयोगिता हमेशा ही चमत्कारपूर्ण रही है रत्न हमारे आभूषणों की शोभा ही नही बढ़ाते है उनमे एक गुप्त शक्ति का विश्वास भी किया जाता है इन में  कई प्रकार के रोग दूर करने की शक्ति भी पायी जाती है और इनके दुवारा परेशानियों को दूर कर सफलता को पाया जा सकता है ऐसा विश्वास किया जाता है . लेकिन मैंने अपने अनुभवः में  देखने -परखने पर पाया है कि बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने किसी न किसी विद्वान के कहने पर कोई न कोई रत्न धारण किया लेकिन धारण करने के बावजूद भी बहुत से व्यक्ति यह कहते हुए सुने गए कि हमने तो इतना महंगा रत्न (Lucky stone ) पहना पर उनको इसका कोई फायदा न हुआ और उनकी  परेशानियों का कोई हल न निकला उल्टा पैसा ही बर्वाद हुआ और समय भी ...कई लोगो ने तो अपनी सभी उँगलियों में रत्न धारण किये होते है लेकिन वो लोग भी पूर्ण संतुष्ट नही पाये गए .वो लोग हमेशा अंदर से दुखी पाये गए अशांत पाये गए और परेशानियों में पाये गए  ..ऐसा क्यों ..ऐसा इसलिए क्योकि या तो वो रत्न नकली होंगे या दोषपूर्ण होंगे या फिर जिन व्यक्तियों या विद्वान जनो ने उनको रत्न धारण करने की सलाह -मशवरा दिया होगा हो सकता है उनको रत्न विज्ञानं  और  ज्योतिष के रहस्यमयी ज्ञान का  ज्ञान ही न हो ..जो  रत्न उन लोगो ने उनको पहनने के लिए कहा हो वो उनकी जन्मकुंडली के अनुसार लाभदायक ही न हो. या फिर उन्होंने अपनी मर्ज़ी से रत्न धारण कर लिए .ऐसी और भी बहुत सी बातें हो सकती है किसी भी रत्न का अगर लाभ है तो उसका साइड इफ़ेक्ट भी है यानि नुक्सान भी है ....ज्योतिष ज्ञान के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बिना सोचे समझे और किसी के भी कहने पर रत्न धारण नहीं करना चाहिए ..रत्न यानि लकी स्टोन धारण करने से पहले किसी योग्य विद्वान एस्ट्रोलोजर /ज्योतिषी को पहले अपनी जन्मकुंडली का पूर्ण अवलोकन करवाना चाहिए जिस रत्न / नग को धारण करना है उस रत्न का मालिक ग्रह किस नक्षत्र में है किस उपनक्षत्र में है और वो जन्मकुंडली में  किस किस घर का मालिक बन कर बैठा हुआ है और वो किस घर का फल दे रहा है और यह देखना तो बहुत ही जरूरी है वो जातक जिस की जन्मकुंडली का अवलोकन किया जा रहा है कहीं उस जातक ने जाने -अनजाने में किये जा रहे अपने कर्मों से उस ग्रह को दूषित /ख़राब तो नहीं किया हुआ है  जिस ग्रह का वो रत्न /नग धारण करने जा रहा है ..अगर ऐसा है तो वो जातक चाहे जो भी रत्न / नग पहन ले आप उसको हमेशा यही कहते सुनते होगे कि मुझे तो उपाए रत्न / नग पहनने का कोई फ़ायदा ही  नहीं हुआ मेरा तो पैसा और समय दोनों ही खराब हुए... इत्यादि इसलिए बिना जन्मकुंडली को दिखाए कभी भी रत्न न पहने पहले जन्मकुंडली किसी अच्छे विद्वान एस्ट्रोलोजर / ज्योतिषी को दिखाए   फिर  उसके बाद ही रत्न धारण करने के बारे में सोचना चाहिए ..इत्यादि ...

ज्योतिष की दृस्टि में 84 रत्न उपरत्न मने गए है इनमे से 21 प्रमुख रत्न माने गए है और इन 21 में से भी 9 प्रमुख रत्न है ..जैसे 1. माणिक 2. मोती   3.मूंगा  4. पन्ना  5. पुखराज  6. हीरा  7. नीलम  8. गोमेध  9. लहुस्निया ...इत्यादि 84 रत्न उपरत्न है .. इन रत्नो में कई प्रकार के रोगो को दूर करने की शक्ति है और हमारी कई प्रकार की समस्याएं और समाधान इनके दुवारा किये जा सकते है ज्योतिष रत्न ज्ञान के अनुसार रत्नो के मित्र -शत्रु भी है यानि किस रत्न के साथ किस रत्न को धारण किया  जा सकता है या किस के साथ किस रत्न को  धारण नही किया जा सकता कई बार दो शत्रु रत्न पहनने से हमे फायदा की जगह  नुकसान होने का खतरा होता है ऐसा करने से पैसा और समय दोनों ही  बर्वाद होते है .... इसलिए रत्न बहुत ही सोच समझकर धारण करे किसी भी  रत्न को खरीदने से पहले यह जान ले कि आप की जन्मकुंडली के अनुसार वो रत्न आपके लिए धारण करना जरूरी है भी या नही  और अगर जन्मकुंडली के अनुसार जरूरी है तो  आपको उस रत्न को  कितने समय  के लिए धारण करना है और किस प्रकार धारण करना है उसकी क्या विधि -विधान है यह जानना बहुत ही जरूरी है ताकि आपका समय और पैसा बर्वाद न हो और आप बैठे बिठाये परेशान दुखी न हो ....और आपको मैं फिर से दुवारा से कह रहा हूँ कि किसी के भी कहने से कोई भी रत्न धारण न करे वरना मेरे अनुभव से देखने परखने में आया है कि रत्न अगर गलत धारण किया तो कई बार उस रत्न के धारण करने वाले व्यक्ति को नुक्सान हुआ है और कई बार तो अनुभव में आया है कि  उसके  घर परिवार के किसी न किसी मेंबर को   नुक्सान परेशानियां आती  हुए नज़र आई है ...आज के लिए इतना ही ...अगली बार मैं आपको बताऊंगा कि  कौन सा व्यक्ति कौन सा रत्न  धारण कर सकता है यानि जन्मकुंडली के ग्रहों के अनुसार कौन सा व्यक्ति कौन सा रत्न धारण कर सकता है और कौन सा रत्न धारण नही कर सकता है  रत्नो के मित्र -शत्रु कौन कौन से है  और रत्न धारण करने का क्या विधि -विधान है ......इत्यादि ....

हम लोग आज जो इतनी पूजा -पाठ करते है या फिर इतने उपाओ करते है और  फिर भी परेशान ही रहते है  या तो  हमे पूजा -पाठ और उपाओ का विधि - विधान नहीं पता और  या  फिर उसके पीछे छुपा ज्ञान नहीं पता हमे धर्म के नाम के पीछे छुपे  रहस्यमयी ज्ञान का पता ही  नहीं ..बस एक अंधी दौड सी लगी हुई  है और हम सब बिना कुछ समझे जाने बस भाग रहे है यही हमारा दुर्भाग्य है जिस  के कारण हम लोग दुखी कष्ट और परेशानियों   वाला जीवन जी रहे है ..


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PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.) 
                                             Research Astrologer

                                               Gold  Medalist
                                      Ludhiana,Punjab,India.
                                                 PH. 9417311379.
ASTRO. RESEARCH CENTRE
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