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Monday, 4 August 2014

क्या कहती हे लाल किताब ...

क्या कहती हे लाल किताब ...
खुद इंसान की पेश न जावे , हुकम  विधाता होता है .
सुख दौलत और सांस आखरी , उम्र का फैसला होता है .
बीमारी का इलाज है ,मगर मौत का कोई इलाज नहीं - दुनियावी हिसाब किताब है , कोई दाव्  ए    -खुदाई नहीं .
क्या कहती हे लाल किताब ...
पिछले कुछ दिनों से में आपसे  लाल किताब ज्योतिष के ज्योतिष ज्ञान पर विचार विमर्श कर रहा हु कि क्या है लाल किताब का ज्योतिष ज्ञान ....तो आज हम उसी पर आगे बात करते है .लाल  किताब का ज्योतिष ज्ञान हमारे प्राचीन ज्योतिष ज्ञान से कुछ भिन्न है मैंने आपको यह बात पहले भी बताई थी .पंडित जी ने बड़े ही प्यार से हमे समझाते हुए जो लाल किताब १९४२ ( इल्म सामुद्रिक की लाल किताब ...१९४२)    लिखा है कि;-खुद इंसान की पेश न जावे , हुकम  विधाता होता है .
सुख दौलत और सांस आखरी , उम्र का फैसला होता है .
बीमारी का इलाज है ,मगर मौत का कोई इलाज नहीं - दुनियावी हिसाब किताब है , कोई दाव्  ए    -खुदाई नहीं .       
 पिछले लेखो में आपसे बात करते हुए इस बात का जिकर हुआ था  कि  लाल  किताब १९५२ में ज्योतिष का सारा का सारा ज्ञान हमे १८ फरमानों में देने की कोशिश की है .पंडित जी ने बड़े ही प्यार से हमे समझाते हुए लिखा है कि
हाथ रेखा को समंदर गिनते , नज़ूम फलक का काम हुआ .
इल्म कियाफा ज्योतिष मिलते , लाल किताब का नाम हुआ
आगे   लिखा है कि ..
लाल किताब फरमाबे यु -अक्ल लेख से लड़ती क्यों
जबकि
न गिला तदवीर अपनी , न ही खुद तहरीर हो
सबसे उत्तम लेख ग़ैबी , माथे की तक़दीर हो
 इतना सा लिख कर पंडित जी ने हमे एक ऐसा रहस्य समझने के लिए मजबूर कर दिया है जिसमे की उपरोक्त लिखे अनुसार एक सवाल खुद ही करके जवाब में लिखा है कि
न जरुरी नफ़्स ताकत , न ही अंग दरकार हो
लेख चमके जब फकीरी , राजा आ दरबार हो
उपरोक्त  बातों को उन्होंने फरमान नंबर १ लिखने से पहले  लिखा है   लाल किताब के फरमान नंबर १ से पहले कुल ७ पेजों पर उन्होंने हमे बहुत कुछ समझने (लाल किताब के  रहस्मयी  ज्योतिष ज्ञान ) पर जोर दिया है मैं तो आपसे एक ही बात कहूँगा कि जो भी लाल किताब के ज्योतिष ज्ञान में रूचि रखता हो वो इसके एक एक अक्षर को समझने की कोशिश करे क्योकि इस रहस्यमयी लाल किताब के हर एक अक्षर में कई कई रहस्य छिपे हुए है   जैसे  ऊपर लिखा है कि ..
न गिला तदवीर .........
.....माथेकी तक़दीर हो
और न जरूरी नफ़स ...........राजा आ दरबार हो ..
इसमें उन्होंने हमे  इंसान की पूरी ज़िंदगी का  लेखा जोखा ही समझाने का प्रयास किया है जिसमे इंसान की  पूरी ज़िंदगी के सवालो के जवाब सिर्फ अंत में लिखी दो लाइन में ही दे दिया है.
न जरुरी नफ़्स ताकत , न ही अंग दरकार हो 
लेख चमके जब फकीरी , राजा आ दरबार हो
इस तरह से लाल किताब के रहस्य को समझने के लिए हमे इसके एक एक शब्द को बहुत ही बारीकी से समझाना होगा .तभी इसके रहस्य समझ में आने लग जायेंगे ज्योतिष शास्त्रो में लाल किताब का ज्योतिष ज्ञान देखने  में जितना आसान  लगता है उतना है नहीं बल्कि यह बहुत ही रहस्यमयी है जो आम आदमी की पकड़ में नहीं आता है इसलिए ही पंडित जी ने हमे बहुत ही प्यार से  पॉइंट नंबर ३ में .समझाया है कि लाल किताब को शुरू से आखिर तक कई दफा बतौर नावल पढ़ते जाना होगा . तभी इसके भेद हमे मालूम होने लगेंगे.क्यों कहा ऐसा कि नावल के जैसे पढ़ना क्योकि आप ने देखा ,सुना या कभी किसी ने या खुद नावल पढ़ा होगा तो  आपने महसूस किया होगा कि नावल पढ़ने के समय व्यक्ति उसी में खो जाता है उसे आस पास की कोई होश नहीं रहती जैसे आजकल व्यक्ति सिनेमा हाल में कोई मूवी देखते बक्त उसी में खो जाते है .बस इसी कारण से इसे ( लाल किताब ) हमे बार बार  पढ़ने की हिदायत दी है ...          
लाल किताब में व्याकरण  :- लाल किताब  के ज्योतिष ज्ञान में व्याकरण कारक भाव वैदिक  ज्योतिष ज्ञान से   कुछ हटकर अलग तरीके से दिए गए है .जिन्ही अच्छी तरह से समझना और याद करना बहुत जरुरी है क्यूंकि लाल किताब से फलित करते समय  अगर आपको लाल किताब के व्याकरण याद नहीं रही या आपने लाल किताब की  व्याकरण पर ध्यान नहीं दिया तो आप जिस किसी की कुंडली को देख रहे है और फलित कर रहे है और उपाओ  निकाल  रहे है वो सब का सब गलत हो जायेगा और गलत उपाओ से जिस व्यक्ति की कुंडली है उसको  फायदे की वजाए  नुक्सान होगा   लाल किताब की वयाकरण में याद रखने वाली बातों में जैसे १. ग्रहो के कारक भाव  २. ग्रहो की आपस में दोस्ती  /दुश्मनी /समता ३ ग्रहो की आयु ४. ग्रहो की घरो को देखने की ताकत ५. ग्रहो की महादसा ६.ग्रहो के ऋण ७.मस्नूई ग्रह ८. ग्रहो का धोखा ९.घरो का धोखा १०.साथी ग्रह ११.धार्मिक ग्रह १२. रतांध ग्रह 13. अंधे ग्रह १४.शंकित ग्रह १५. प�पापी  ग्रह १६. ग्रहो की एक दूसरे के कारण बलि १७.स्वग्रह १८. कारक ग्रह १९.स्पष्ट ग्रह १९.उच्च ग्रह २०.नीच ग्रह २१ वयस्क / अवयस्क ग्रहो की कुंडली २२. भावो के मध्य दीवार २३. राशि और ग्रह २४.जाग्रत ग्रह व् सोया ग्रह २५. जाग्रत भाव व् सोया भाव २६ ग्रहो की दृष्टियां जैसे सामान्य दृस्टि ,टकराव ,नींव ,सहायता ,विश्वासघात ,अचानक चोट ,साझी दीवार ,अचानक चोट  . ऐसी और भी कई बातें है जो कि लाल किताब को समझने के लिए हमे याद रखनी पड़ेंगी .जिन का मैं  आगे आपसे विचार -विमर्श करूँगा  और आपको बताऊंगा कि क्या कहती है लाल किताब ....
लाल किताब पर बहुत सी किताबे इस समय बाजार में मिल रही है लेकिन उन सबमे लाल किताब में जो लिखा है उसी को घुमा- फिरा  कर लिखा हुआ है सिर्फ शब्दों का हेर-फेर है .किसी ने भी कोशिश नहीं की है कि कोई इसके रहस्य को समझ कर उसे समझाने की कोशिश करे या तो वो किताबे मार्किट में है जिनमे हूबहू लाल किताब को हिंदी में लिखा हो या फिर वो किताबे है जिस में शब्दों के हेर-फेर करके उन्हें अपने नाम से प्रिंट करवा कर मार्किट में बेचने को भेज दिया .फिर भी मैं उन सभी लाल किताब के लेखको और पब्लिशर का तह दिल से शुक्रिया करना चाहता हूँ जिन महानुभावो के कारण लाल किताब आम लोगो के पास पहुँच पायी और आम लोगो को लाल किताब के ज्योतिष ज्ञान का पता चला . 
 मेरी आपसे कोशिश होगी कि में आपको पहले लाल किताब में क्या लिखा है यह बताने का प्रयास करूँगा और फिर कोशीश करूँगा कि जो मैंने इसके यानि लाल किताब के रहस्य जो भी रहस्य आज तक समझ पाया हु वो आप सब को अपने आने बाले लेखो के द्वारा बताने और समझाने की कोशिश करूँगा  और आप सब से यह आशा भी करता हु कि आप सब भी इसमें  मेरा पूरा  पूरा साथ देंगे. मैं कोशिश करूँगा कि लाल किताब  में जो ( रहस्यमयी  ज्योतिष ज्ञान लाल किताब )  कुछ भी लिखा है उन सब को आपके साथ जरूर शेयर करू.