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Tuesday, 24 November 2015

# लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में राहु ग्रह का फल .....

# लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में राहु ग्रह का फल ...
पिछले कुछ समय से मैं आप सभी के साथ रहस्यमयी  लाल किताब के रहस्यमयी ज्योतिष  ज्ञान के बारे में विचार बिमर्श कर रहा हूँ  आज मैं  उसी रहस्यमयी  ज्ञान का  एक और रहस्य आपके साथ साँझा करने जा  रहा हूँ   जिसमे आप जानेंगे कि रहस्यमयी  लाल किताब के इस रहस्यमयी ज्ञान में ग्रहो के बारे में खानाबार क्या क्या  रहस्य छिपा हुआ है  आज मैं  आपको बताऊंगा  कि अगर आपकी जन्मकुंडली में राहु  ग्रह खाना नंबर 1 में हो तो रहस्यमयी  लाल किताब का रहस्यमयी ज्योतिष  ज्ञान उसके बारे में क्या  क्या कहता है
क्या कहती है ज्योतिष की रहस्यमयी लाल किताब राहु के बारे में ... सबसे पहले आप सभी यह जान ले कि राहु ग्रह,एक  छाया ग्रह है और यह  दिमागी लहर/ सोच  का मालिक ,गरीबो का सहायक मित्र  अचानक दिमाग में आई हुए सोच ,बादल ,धुआं ,परछाई ,छाया ,बिजली इत्यादि के रूप में  जाना जाता है राहु ग्रह से ससुराल , साला ,राजनीती ,जेल, आसमान और समुद्र का रंग , विदेश योग  पाप कर्म ,शौचालय ,सीवरेज ,गंदगी ,रास्ता ,परछाई ,धुंआ ,  नीला रंग  नीला थोथा और बिजली ,सिक्का ,अलुमिनियम ,गुमचोट    ...,इत्यादि बहुत कुछ  देखा जा सकता है यह ग्रह जब किसी को देने पर आ जाये तो उसकी मिटटी को भी सोना कर देता है और जातक को बैठे- बिठाये फर्श से अर्श पर ले जाता है   लेकिन जब लेने पर आ जाये तो उस जातक का सोना भी मिटटी कर देता है उसको जड़ों से उखाड़ देता है  और उसको बर्बाद कर देता है सब कुछ होते हुए भी न के बराबर ज़िंदगी बना देता है और जातक का नाम और उसको मिटटी में मिला देता है    राहु ग्रह  के शत्रु ग्रह  सूर्य ,मंगल ,और शुक्र ग्रह है और बुध ,शनि केतु ग्रह  राहु के मित्र ग्रह है अगर राहु ग्रह जन्मकुंडली में शनि से पहले बैठा हो तो अपनी मर्ज़ी के अनुसार ही  फल देता है  राजा के सामान होता है लेकिन अगर शनि ग्रह से बाद के घरों में बैठा हो तो वो शनि ग्रह के अनुसार ही  चलता है यानि जैसा शनि होगा उसके अनुसार ही फल देगा   राहु ग्रह जिसकी जन्मकुंडली में मंदा होकर बैठा हो उस जातक के पास अगर दक्षिण दिशा का मकान /प्रॉपर्टी हो तो  उसकी  दक्षिण दिशा के  दरवाजा वाली प्रॉपर्टी बहुत ही मंदा असर करती है राहु ग्रह सूर्य को पूर्ण ग्रहण और चन्द्र को मद्धम ग्रहण करता है लेकिन चन्द्र ग्रह के साथ ठंडा और बंधा हुआ चुपचाप रहने वाला हाथी  की तरह होता है और गुरु ग्रह के साथ तो गुरु के  साधू और शेर को अपनी दुश्मनी से बहुत बुरा फल देता है यह राहु ग्रह  बुध के पक्षियों और शनि के कौओं को आसमान में उड़ने की शक्ति देता है और उन  ग्रहों का असर भी उम्दा कर देता है एक तरफ तो यह ग्रह शुक्र का दुश्मन ग्रह  और केतु ग्रह  का रहनुमा सरदार है तो दूसरी तरफ शनि  ग्रह के साथ सांप की मणि की तरह  और मंगल ग्रह के साथ मंगल के महावत के साथ शेर्रो का शिकार करने वाला शिकारी हाथी भी माना  जाता है .राहु ग्रह अगर खाना नंबर 4 में हो तो धर्मी बन  जाता है या चन्द्र के साथ किसी भी घर में हो .लेकिन धर्मी तभी बनता है जब चन्द्र ग्रह पर किसी भी शत्रु  ग्रह का असर न हो और न ही खाना नंबर 4 पर किसी ग्रह का बुरा असर हो रहा हो और न ही जातक कोई ऐसा काम यानि कर्म कर रहा हो जिससे राहु ग्रह  बुरा फल दे..  .जब कुंडली में मंगल शनि साथ साथ हो और शुभ हो और उनका व् उनपर किसी भी  ग्रह का बुरा प्रभाव न हो रहा हो  तो राहु का प्रभाव शुभ होता है और  जब जन्मकुंडली में सूर्य शनि इकट्ठे हो या दृस्टि से मिल रहे हो और उन पर किसी भी ग्रह  का बुरा प्रभाव हो रहा हो  तो राहु ग्रह  का प्रभाव भी  अशुभ हो जाता है और साथ ही शुक्र  ग्रह का प्रभाव भी अशुभ हो जाता है अगर राहु अपने दुश्मन ग्रहों के साथ यानि सूर्य ,शुक्र,मंगल के साथ नीच प्रभाव में हो और केतु ग्रह  को देखे और खाना नंबर 5 पर भी बुरा असर आ रहा हो तो औलाद ,केतु की चीजें ,कारोबार ,  रिश्तेदार आदि बर्बाद होते हुए पाये जाते है अगर जन्मकुंडली में सूर्य ,शुक्र इकट्ठे हो  और नीच प्रभाव में हो तो राहु ग्रह  मंदा होगा और अगर सूर्य  शनि साथ साथ  इकट्ठा हो और शुक्र ग्रह खाना नंबर 9 में हो  तो राहु नीच हो  और मंगल भी बुरा होगा  यानि मंगलबद होगा राहु की आयु 42 साल है अगर जन्मकुंडली में राहु हर तरफ से बुरा हो तो भी यह अपना बुरा असर 21 साल तक या फिर 42 साल तक देता है लेकिन अगर सूर्य के साथ हो तो अपना बुरा असर 45 साल तक नहीं रुकने देता है राहु जब जन्मकुंडली में पहले घर में होता है तो सूर्य जन्मकुंडली में कहीं भी बैठा हो तो उसको ग्रहण लगा देता है  जातक के घर से बाहर होने के योग होते है या फिर शुभ हो तो विदेश योग भी बना देता है दूसरे घर यानि खाना नंबर दो में किस्मत को कभी  ऊपर कभी नीचे .. और तीसरे में रक्षक और चौथे में धर्मी और खाना नंबर पांच में गर्भपात करवा देता है यानि ओलाद ख़राब करता है और जातक की अंतर्मन की सोच गलत कर देता है और अगर साथ में शुक्र ग्रह हो या शुक्र ग्रह के घर में शुक्र के शत्रु हो तो उसकी विवाहित ज़िंदगी में परेशानियां ले  आता  है और वो  जातक दुसरो को लूट खसूट कर धन कमाता है और दिखावे के लिए खर्चा बहुत करता है  और दूसरों के ज्ञान को अपने नाम से जगजाहिर करता है यानि बाहर  से ईमानदार और अंदर से  बुरी सोच का मालिक /धोकेबाज़ बनता है और छठे में उच्च , सातवें में ,शुक्र और शुक्र ग्रह की चीजों का धुंआ  निकलने वाला ,और आठवे में एक्सीडेंट या मौत का नज़ारा ,पेट पर बुरा असर ,नौवें में धर्महीन ,,दसवें में शक्की ,ग्यारवें घर में गुरु और गुरु ग्रह के रिश्तेदारों और  चीजों पर बुरा असर ,और बाहरवें खाना में गुस्सा और खुली आखों से सपने देखने वाला यानि शेख्चिली....बना देता है ..अगर राहु ग्रह जन्मकुंडली  के खाना नंबर 1.में हो तो  इस ग्रह के  कारण जातक को मानसिक अशांति ,जातक के गर्दन के ऊपर के हिस्से यानि उसके चेहरे या सिर पर या फिर टांगो  पर चोट लगने का भय होता है चोट लगती है  जिस का निशान सारी उम्र रहता है जातक के   ,कामो में परेशानियां गुस्सा वाला कोर्ट -कचेहरी और बिज़नेस में नुक्सान होने की ज्यादा संभावना और उस जातक को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी में बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है  सब कुछ होते हुए भी ज़िंदगी न के बराबर होती है   ऐसे व्यक्ति पर नज़र दोष का भय होता है उस जातक के   सामने वाला घर उजड़ जाता है यानि  बर्बाद हो  जाता है या परेशानियों से घिरा हुआ  होता है  मैंने  अपने अनुभव करने पर पाया है  कि  ऐसे जातको के   नाना , नानी या दादा दादी में से किसी  की भी  अकाल मृत्यु होती है लेकिन अगर कुंडली में ग्रह योग शुभ  हो और किसी ग्रह का बुरा असर न आ रहा हो यानि  शुभ फल के हो तो अध्ध्यन करने पर पाया गया है कि ऐसा योग राजयोग भी सिद्ध हुआ है और ऐसा जातक विदेश गमन करता है और विदेश में पैसा भी कमाता है  और वो ज़िंदगी में कुछ ऐसे काम कर जाता है  या रिसर्च कर जाता है जिस के कारण  जातक को   दुनिया में नाम और प्रसिद्धि  (name & fame ) प्राप्त  होती  है लेकिन जो कुछ भी मिलता है वो  मिलता बहुत ही सघर्ष के बाद ... और भी ऐसे जातक के रहस्य है जिनका जिक्र मैं अगली बार करूंगा  . इत्यादि.... .सभी ग्रहों का खानाबार असर मैं   अपने आने वाले लेखों में जरूर  करता रहूँगा ..
..मैंने अपने पिछले 18 सालों   में देश -बिदेश की  बहुत सी जन्मकुंडलियां देखी और उन जन्मकुंडलियां से  बहुत सा अनुभव हुआ बहुत कुछ सीखने/ परखने  को मिला मैंने   अपने  अनुभव करने पर पाया कि राहु ग्रह का फल जन्मकुंडली में बहुत ही रहस्यमयी होता है जिसको जानना और समझना बहुत ही मुश्किल है और रहस्यमयी है  क्युकी  राहु ग्रह  छाया ग्रह होने के कारण यह होता कुछ और है और दीखता कुछ और ही  है ..      मैंने जब भी किसी की जन्मकुंडली को गहराई से अवलोकन किया तो बहुत सी  जन्मकुंडलियां में पाया यानि  ऐसा कई कई  बार हुआ  पाया गया  कि  ग्रह जन्मकुंडली में जिस खाना नंबर में बैठा  हो तो  कई बार तो उसी खाना का फल देता है लेकिन बहुत बार ऐसा पाया गया कि राहु ग्रह बैठा किसी और  खाना नंबर  में है और वो जातक को उसके घर परिवार को फल किसी और ही  खाना नंबर  का दे रहा होता है .....अगली बार मैं आपको इसी रहस्य के बारे में और जानकारी दूंगा लेकिन यह सभी रहस्य हमे तभी पता चलते है जब आपकी जन्मकुंडली को लाल किताब के रहस्य्मयी ज्योतिष ज्ञान के रहस्यों के अनुसार दुवारा बनाया जाये और आपकी जन्मकुंडली को सही तरीके से दरुस्त किया जाये    इस तरह से हमे इस लाल किताब के रहस्यमयी ज्योतिष  ज्ञान से दरुस्त करके बनायीं गयी जन्मकुंडली में से ऐसी कई रहस्यों का  पता लगने लग जायेगा जो आपको न पहले पता होंगे और न ही पहले किसी ने आपको  बताये होंगे  यह सब बातें जानने के लिए सब से जरुरी शर्त यह  है कि आप को   अपनी जन्मकुंडली को पहले लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में दी गयी जरुरी शर्तो के अनुसार दरुस्त  करके बनाया  जाये और या फिर  किसी लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान को गहराई  से  जानने वाले को जन्मकुंडली  दिखाई जाये  आज के समय में हर कोई व्यक्ति अपने आपको लाल किताब का जानकार कहता है एक अंधी सी  दौड़  लगी हुए है हर एक व्यक्ति अपने आपको  लाल किताब का ज्ञाता बना बैठा है (और सभी को लाल किताब के उपाए बाँट रहा है   लेकिन जब उन को   गहराई से देखा परखा जाता है तो उसको लाल किताब का अलिफ बे भी नहीं आता है )  जब   रहस्य्मयी  लाल किताब के अनुसार आपकी   जन्मकुंडली  बनाई जाये  तभी   आपको इस  रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान के रहस्य समझ में  आने लगेंगे और आपको कौन कौन से उपाओ करने होंगे जिनके करने से  अपने आपको अपनी  ज़िंदगी में आने वाले कष्ट /परेशानियों से दूर रखा  जा सके ....आज के लिए इतना ही काफी ......बाकी फिर सही    .कि क्या कहता  है रहस्यमयी  लाल किताब का रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान ...


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Monday, 2 November 2015

# जन्मकुंडली /टेवा बनाने और देखने का नियम:-....

# मेरा रहस्यमयी ज्योतिष शास्त्रों के रहस्यमयी ज्योतिष ज्ञान  की बुनियाद पर जन्म पत्री/ जन्मकुंडली  /टेवा बनाने और  देखने का नियम:-.....
* जन्मकुंडली /टेवा  बनाने या देखने के लिए ..
1. आप  मुझे अपने  दोनों हाथ की फोटो  (हस्त रेखा)।
2. जन्म का पूरा विवरण   (जन्म पत्री / टेवा  के लिए ।
3. चेहरे की फोटो (फेस रीडिंग के
लिए)
के लिए भेजें या आप खुद आकर मिले ...
सभी विचार विमर्श फोन पर किया जायेगा । अथवा आप फ़ोन पर समय लेकर मेरे ऑफिस में आकर मुझे मिल सकते हैं व्  सशुल्क परामर्श कर सकते है ..... आपके कहने  पर आपका हस्त लिखित या  कम्प्युटर से बना  टेवा आपको ईमेल सेवा  /डाक सेवा  /
कूरियर सेवा से आपको भेज  दिया जायेगा।  आज ही सशुल्क परामर्श लें।
हम लोग आज जो इतनी पूजा -पाठ करते है या फिर इतने उपाओ करते है और  फिर भी परेशान ही रहते है  ऐसा क्यों ..... या तो  हमे पूजा -पाठ और उपाओ का विधि - विधान नहीं पता है या  फिर उसके पीछे छुपा ज्ञान नहीं पता.. हमे धर्म के नाम के पीछे छुपे  रहस्यमयी ज्ञान का पता ही  नहीं ..बस एक अंधी दौड सी लगी हुई  है और हम सब बिना कुछ समझे जाने बस भाग रहे है यही हमारा दुर्भाग्य है जिस  के कारण हम लोग दुखी कष्ट और परेशानियों   वाला जीवन जी रहे है ....
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..CONSULTATION FEE...Rs..1100/ only.. ...( per kundli for 15 min. ) 
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