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Monday 23 March 2020

क्यों बजायें शंख और घंटी...

*क्यों शंख और घण्टी  बजाई जाती है?*

जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो #शंखनाद (आवाज) गूंजी थी. वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है. घंटी उसी नाद का प्रतीक है. यही नाद 'ओंकार' के उच्चारण से भी जागृत होता है. कहीं-कहीं यह भी लिखित है कि जब प्रलय आएगा उस समय भी ऐसा ही नाद गूंजेगा. मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है.।इसके पीछे धार्मिक कारण तो हैं ही साथ में इसका हमारे जीवन पर साइंटिफिक असर भी होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है. इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है. विदेशों में घंटी के अलावा हर तरह के वाद्ययंत्रों को बजाया जाता है,जिसमें कंपन पैदा हो,उस कंपन से ही कई जीवाणु विषाणु मर जाते हैं। देख लो कैसे कोरोना के ड़र से विदेशी ने वाद्ययंत्रों के कंपन से विषाणुओं पर हमला भी किया जा रहा है और लोगों को जागरूक भी।

*जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।*
*दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।*

 महामारी नाशक मंत्र जपे,हवन करे,और अपने घर में अगर वाद्ययंत्र है तो बजाओ,नही तो पीटो थाली,कटोरी बजाओ तालियां... इत्यादि

सब का कल्याण हो।
हर हर महादेव।।
🙏🙏

*Scientific Astrology &  Vastu Research Astrologer's Pawan Kumar Verma (B.A.,D.P.I.,LL.B.) & Monita Verma Astro Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone..9417311379.  www.astropawankv.blogspot.com*