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Monday 1 April 2024

जय शीतला माता (सप्तमी अष्टमी पर्व )

 जय शीतला माता जी की

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सप्तमी और अष्टमी का पवित्र महत्व


शीतला सप्तमी का व्रत करने से शीतला माता प्रसन्न होती हैं। माता को बासी खाने के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। शीतला देवी को भोग लगाने वाले सभी भोजन को एक दिन पूर्व ही बना लिया जाता है। दूसरे दिन शीतला माता को भोग लगाया जाता है।


सप्तमी और अष्टमी का पवित्र महत्व शीतला सप्तमी, शीतलाष्टमी और मां शीतला की महत्ता का उल्लेख स्कन्द पुराण में बताया गया है। यह दिन देवी शीतला को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शीतला माता चेचक, खसरा आदि की देवी के रूप में पूजी जाती है।इन्हें शक्ति के दो स्वरुप, देवी दुर्गा और देवी पार्वती के अवतार के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग मां शीतला का पूजन  करते हैं, ताकि उनके बच्चे और परिवार वाले इस तरह की बीमारियों से बचे रह सके। 


कुछ लोग इसे सप्तमी के दिन मनाते हैं और कुछ प्रांतों में यह पर्व अष्टमी के दिन मनाया जाता है। दोनों ही दिन माता शीतला को समर्पित हैं। महत्वपूर्ण यह है कि माता शीतला का पूजन किया जाए। प्रचलित मान्यता अनुसार दोनों ही दिन पूजन से मां का आशीष मिलता है। शीतला माता के नाम से ही स्पष्ट होता है, मां किसी भी समस्या से शीतल राहत देती हैं। यदि किसी बच्चे को त्वचा संबंधी या अन्य गंभीर बीमारी हो जाए तो उन्हें मां शीतला का पूजन करना चाहिए इससे बीमारी में जल्द राहत मिलती है। शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला का विधिवत पूजन करने से घर में कोई व्याधि नहीं रहती और परिवार निरोग रहता है। 


मां शीतला हाथों में कलश, सूप, मार्जन(झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण किए होती हैं तथा गर्दभ की सवारी किए यह अभय मुद्रा में विराजमान हैं।  शीतला माता के संग ज्वरासुर ज्वर का दैत्य, हैजे की देवी, चौंसठ रोग, घंटकर्ण, त्वचा रोग के देवता एवं रक्तवती देवी विराजमान होती हैं। इनके कलश में दाल के दानों के रूप में विषाणु नाशक, रोगाणु नाशक, शीतल स्वास्थ्यवर्धक जल होता है। स्कन्द पुराण में इनकी अर्चना स्तोत्र को शीतलाष्टक के नाम से व्यक्त किया गया है। शीतलाष्टक स्तोत्र की रचना स्वयं भगवान शिव जी ने लोक कल्याण हेतु की थी। 


           || शीतला माता की जय हो ||

                    *Scientific Astrology and Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone number 9417311379. www.astropawankv.blogspot.com*