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Monday, 6 October 2025

शरद पूर्णिमा...... अमृत कलश

 *शरद पूर्णिमा: अमृत कलश की वर्षा .... धन , समृद्धि एवं स्वास्थ्य की सौग़ात*


*शरद पूर्णिमा को वास्तव में "अमृत वर्षा की रात" कहा जाता है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:*

 


1 *16 कलाओं से पूर्ण चंद्रमा*

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सभी सोलह (16) कलाओं से पूर्ण होता है, जो उसे सबसे अधिक शीतल, उज्ज्वल और शक्तिशाली बनाती हैं। इस रात को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट भी होता है।


2 *औषधीय और वैज्ञानिक महत्व*

• ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा की इस रात, चंद्रमा की किरणें विशेष रूप से शुद्ध और शीतलता लिए होती हैं, जिनमें अमृत के समान औषधीय गुण समाहित होते हैं।


• इसीलिए पारंपरिक रूप से लोग रात भर चाँदनी में खीर बनाकर रखते हैं। यह माना जाता है कि खीर में चंद्रमा की अमृत किरणें समाहित हो जाती हैं।


• अगली सुबह इस खीर को प्रसाद के रूप में खाने से यह शरीर को आरोग्य प्रदान करती है, मन को शांति देती है और कई रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी जाती है।


3 *देवी लक्ष्मी की कृपा*

इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'कौन जाग रहा है?'। मान्यता है कि इस रात धन की देवी माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो भक्त रात भर जागकर (जागरण करके) उनकी पूजा और आराधना करते हैं, उन पर वह विशेष कृपा बरसाती हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है।


4 *महारास की रात*

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने इसी रात अपनी दिव्य महारास लीला की थी। इस कारण, यह रात प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक परमानंद का भी प्रतीक मानी जाती है।

यह रात आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक तीनों ही दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है।


*शरद पूर्णिमा के ग्रह अनुसार  विशेष ज्योतिषीय उपाय*


*शरद पूर्णिमा का गहरा संबंध समुद्र मंथन से भी है, क्योंकि इसी शुभ तिथि पर दो प्रमुख शक्तियों, चंद्रमा और माता लक्ष्मी, का प्राकट्य हुआ था।* 


1 *चंद्र दोष शांति (मानसिक तनाव, चित्त अशांति)*


• शरद पूर्णिमा की रात चांदनी में सफेद खीर का पात्र रखकर चंद्रमा को अर्पित करें।


• अगले दिन वह खीर घर के सभी सदस्यों को प्रसाद रूप में दें।


इससे चंद्रमा बलवान होता है और मानसिक शांति, सुख और स्थिरता मिलती है।


2 *धन और लक्ष्मी कृपा हेतु (शुक्र व कुंडली के धन भाव)*


• इस रात कोजागरी व्रत करके लक्ष्मी जी के सामने दीपक जलाएँ।


*"ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"* मंत्र का 108 बार जप करें।


• घर के मंदिर या तिजोरी में चांदी का छोटा सिक्का रखें।


इससे धनागमन, व्यापार में वृद्धि और समृद्धि आती है।


3 *ग्रह शांति के लिए (विशेषकर राहु-केतु दोष)*


• शरद पूर्णिमा की रात तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएँ।


*"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"* मंत्र का जप करें।


इससे नकारात्मक ऊर्जा और राहु-केतु के दोष शांत होते हैं।


4 *स्वास्थ्य और रोग शांति (सूर्य-चंद्र दोष से जुड़ी बीमारियाँ)*


• रात को चांदनी में रखे दूध का सेवन करें।


• यदि कोई बीमार है, तो उस दूध को उसे प्रसाद रूप में दें।


इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और चंद्र ऊर्जा शरीर में संतुलन लाती है।


5 *सिद्धि और आध्यात्मिक उन्नति हेतु (गुरु/बृहस्पति दोष)*


• शरद पूर्णिमा की रात को मौन रहकर ध्यान करें।


*“ॐ नमः शिवाय”* या अपने गुरु मंत्र का जप करें।


• गंगाजल में मिला दूध चंद्रमा को अर्घ्य दें।


यह साधना बृहस्पति और चंद्रमा को मजबूत करती है और विद्या, भक्ति व आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है।


6 *साधना और सिद्धि का समय*


• चंद्रमा और शुक्र की यह विशेष युति साधना के लिए श्रेष्ठ है।


• शरद पूर्णिमा की रात किए गए मंत्र-जप का 4 गुना फल प्राप्त होता है।


विशेषकर – *“ॐ चंद्राय नमः”*, *“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”* का जप अत्यंत फलदायी होता है।


*ग्रह दोष - लक्षण -  विशेष ज्योतिषीय  उपाय  (ग्रह अनुसार)*


*चंद्रमा* - सोलह कलाओं से पूर्ण, मानसिक शांति, मातृ सुख का कारक मानसिक तनाव, अवसाद, अस्थिरता चांदनी में रखी खीर चंद्रमा को अर्पित करें और परिवार सहित ग्रहण करें।


*शुक्र* - वैभव, सौंदर्य, कला, दाम्पत्य सुख का प्रतीक दाम्पत्य जीवन में कलह, आर्थिक कमी, सुख का अभाव लक्ष्मी पूजन करें, *“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”* का 108 जप करें।


*सूर्य* - चंद्रमा की रोशनी से संतुलन पाता है, स्वास्थ्य और ऊर्जा का कारक कमजोरी, आत्मविश्वास की कमी, पितृदोष गंगाजल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।


*बृहस्पति (गुरु)* - ज्ञान, धर्म और आस्था का विस्तार निर्णय क्षमता की कमी, विद्या में बाधा मौन साधना करें, *“ॐ नमः शिवाय”* या गुरु मंत्र का जप करें।


*राहु-केतु* - चंद्रमा को प्रभावित करते हैं, शांति और स्थिरता इस रात मिलती है मानसिक भ्रम, बाधाएँ, असफलताएँ तुलसी के पास दीपक जलाएँ और *“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”* जप करें।


*शनि* - धैर्य और कर्मफल का नियंता, इस रात शांति मिलती है जीवन में विलंब, संघर्ष, मानसिक दबाव गरीबों को खीर/दूध का दान करें, शनि प्रसन्न होंगे।


*मंगल* - ऊर्जा और साहस का ग्रह, चंद्रमा के प्रभाव से शांति पाता है क्रोध, दुर्घटनाएँ, रक्त संबंधी रोग  *“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”* का जप कर चंद्रमा को नमन करें।


*बुध* - वाणी और बुद्धि का कारक, चंद्रमा से पोषण पाता है गलत निर्णय, संवाद में समस्या तुलसी दल से दूध में मिश्रित खीर बनाकर चंद्रमा को अर्पित करें।


*विशेष नोट*


• इस रात किए गए मंत्र-जप और साधना का फल सामान्य दिनों से कई गुना अधिक मिलता है।


*निष्कर्ष:*


शरद पूर्णिमा केवल एक त्यौहार नहीं बल्कि ग्रह दोष शांति, स्वास्थ्य, धन-समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का विशेष अवसर है।


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*Scientific Astrology and Vastu...Astro. Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone number 9417311379. www.astropawankv.com*



Thursday, 2 October 2025

दशहरा पर्व... असत्य पर सत्य की विजय

 *दशहरा पर्व....*


*असत्य पर सत्य की विजय*


        *!! यह दशहरा है !!*


*"राजा" राम थे तो रावण भी "राजा" थे !*

*"परमवीर राम थे तो "महाबली" रावण भी थे !*

*"ज्ञानी" राम थे तो "महाज्ञानी" रावण भी थे !*

*"सन्यासी" राम बने तो "संयमी" रावण भी रहे !*

*सीता के लिये "पति धर्म" राम ने पूरा किया तो शुर्पणखा के लिये "भ्राता धर्म" रावण ने पुरा किया !*

*पिता को दिया "वचन" राम ने निभाया तो बहन को दिया "वचन" रावण ने निभाया !*

*"क्षत्रिय" राम थे तो "ब्राह्मण" रावण भी थे !*

*"पित्र" भक्त राम थे तो "शिव" भक्त रावण भी थे !*

*"सत्य" राम थे तो "झूठे" रावण भी नहीं थे !*


*फिर युद्ध क्यों ?*


*राम की "जीत" और रावण  की "हार" क्यों ?*

*यह युद्ध था, "ज्ञान" और महाज्ञान" के "सही-गलत" उपयोग का !*

*यह युद्ध था "सत्य" से ऊपर "अति आत्म-विश्वास" का !*

*यह युद्ध था, परिजन की "सलाह" नकारने का !*

*यह युद्ध था, "मर्यादा पुरुषोत्तम" राम और "मतिभ्रमित" दशानन का !*

*यह युद्ध था राम "नीति" और रावण "प्रवृत्ति" का !*

*यह युद्ध था, "त्यागी" राम और "अहंकारी" रावण का !*


*जलते हुए रावण के पुतले ने सामने खड़ी भीड़ से पूछा:-*

*"तुम में से कोई राम है क्या ?*

*उस युग के रावण आज के युग में विद्यमान सभी लोगों से "श्रेष्ठ" थे !*

*भले ही रावण के "दस चेहरे" थे पर "दसों-दस चेहरे" बाहर रखते थे !*


*इस दशहरे पर अपने अंदर के "राम-रावण" को पहचाने !*

*"ज्ञान" और "बल" के सही-गलत उपयोग को जाने !*


*आप सभी जन को Astropawankv की पूरी Team की तरफ़ से विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !*


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Sunday, 21 September 2025

शारदीय नवरात्रि महोत्सव

 *शिव -शिवा शक्ति जय माता की*

जगदम्बा का आगमन सवारी हाथी पर और प्रस्थान नर पर जो अत्यंत शुभफलदायक हैं 

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर को घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। 

वहीं, अभिजीत मुहूर्त11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। 

इस दौरान भी साधक घटस्थापना कर सकते हैं।

22 सितंबर 2025 

नवरात्र पहला दिन - मां शैलपुत्री

23 सितंबर 2025 

नवरात्र दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी

24 सितंबर 2025 नवरात्र तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा

25 सितंबर 2025 नवरात्रि तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा

26 सितंबर 2025 नवरात्रि चौथा दिन - मां कूष्माण्डा

27 सितंबर 2025 नवरात्रि पांचवां दिन - मां स्कंदमाता

28 सितंबर 2025 नवरात्रि छठा दिन - मां कात्यायनी

29 सितंबर 2025 नवरात्रि सातवां दिन - मां कालरात्रि

30 सितंबर 2025 नवरात्रि आठवा दिन - मां महागौरी/ सिद्धिदात्री

01 अक्टूबर 2025 नवरात्रि नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री


#नवदुर्गा के बीजमंत्र!!

1. शैलपुत्री - ह्रीं शिवायै नम:। 

2. ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। 

3. चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:। 

4. कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:। 

5. स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

6. कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।

7. कालरात्रि-  क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:। 

8. महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:। 

9. सिद्धिदात्री-  ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।


 नवरात्रि शक्ति की पूजा करने, आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करने और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का एक पवित्र अवसर है. ( पूजन विधिविधान का पालन विद्वान के अनुसरण मे करें) शुभकामनाओ सहित ज्योतिष सलाह हेतु  ....


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