# उपाय ब पूजा पाठ , हवन के कुछ महत्वपूर्ण नियम...
1. जिस दिन भी आपने घर में हवन करना हो या करवाना हो तो सबसे पहले यह जानना बहुत ही जरुरी है कि :- उस दिन हवन किया जा सकता है या नहीं...क्या हमे हवन करने या करवाने से फायदा होगा या नुक्सान ..क्या हवन करने से नुक्सान भी हो सकता है .जी हाँ हवन करने से फ़ायदा भी होता है और नुक्सान भी हो सकता है सिक्के के दो पहलु होते है जैसे सुख है तो दुःख भी है ख़ुशी है तो गमी भी है जनम है तो मौत भी है इत्यादि .तो हम बात कर रहे थे हवन के बारे में . हवन करने के लिए अग्नि का वास कहाँ पर है यह जानना बहुत ही जरूरी है जिस दिन भी आपने अपने घर में हवन करना हो या करवाना हो तो उस दिन सबसे पहले यह जानना बहुत ही जरुरी है कि :- उस दिन हवन किया जा सकता है या नहीं. हवन करने या करवाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि अग्नि का वास कहाँ पर है हमारे शास्त्रों में अग्नि के वास के बारे में लिखा गया है कि अग्नि का वास तीन जगह पर होता है जैसे आकाश में ,,पाताल में ,और धरती (पृथ्वी ) पर .....हमे हवन तभी करना या करवाना चाहिए जब अग्नि का वास पृथ्वी (धरती ) पर हो उस दिन किया या करवाया गया हवन कल्याणकारी यानि शुभ फलदायक होता है उस दिन किया गया हवन घर परिवार के लिए बहुत ही शुब फलदायक होता है सुख समृद्धि दायक होता है ..अगर अग्नि का वास पाताल में हो तो उस दिन हवन करने या करवाने से धन का नुक्सान होता है उस दिन हवन करने या करवाने से घर -परिवार में धन के नुक्सान होने लग जाते है मशीने या इलेक्ट्रॉनिक चीजें ख़राब होने लग जाती है कई बार लोगो को कहते सुना होगा कि जब से पाठ -हवन करवाया है घर परिवार में किसी न किसी तरह का नुक्सान ही होता जा रहा है इत्यादि .. .और यदि अग्नि का वास आकाश में हो तो उस दिन हवन करने या करवाने से घर -परिवार में किसी न किसी की आयु / सेहत शरीर का नुक्सान होने का डर होता है उस घर -परिवार वालों में से कोई न कोई बीमार होकर हॉस्पिटल के चक्कर लगाता रहता होगा यानि घर में शारीरक / मानसिक कष्ट -परेशानियां आती हुए नज़र आएँगी उस घर के ज्यादातर लोग कष्ट परेशानियों में नज़र आते होंगे इत्यादि . ...
हमारे शास्त्रो में अग्नि का वास देखने की विधि भी बताई गयी है जिसको देखे बिना हवन नहीं करना चाहिए और न ही करवाना चाहिए हमारे शास्त्रो में अग्नि का वास देखने का बहुत सरल तरीका बताया हुआ है जिस की सही सही गणना करने पर अग्नि के वास का पता लगाया जा सकता है.
अग्नि का वास जानने के लिए सबसे पहले जिस दिन हवन करना हो या करवाना हो उस दिन की तिथि और वार की सख्या को जोड़कर 1 जमा करे फिर कुल जोड़ को 4 से भाग दें .यदि शेष 0 आये या 3 आये तो अग्नि का वास पृथ्वी पर होगा ( हवन शुभ फलदायी होगा ) और यदि शेष 2 आये तो अग्नि का वास पाताल में होगा ( हवन अशुभ फलदायी होगा ) और यदि 1 शेष आये तो अग्नि का वास आकाश में होगा (हवन अशुभ फलदायी होगा )......वार की गणना रविबार से और तिथि की गणना शुक्ल प्रतिपदा से करनी चाहिए... उसके बाद ग्रहों के मुख में आहुति पर भी विचार किया जाना चाहिए ..
हमारे शास्त्रो में अग्नि वास का परिहार भी बताया गया है जैसे .नित्य नैमित्तिक कार्य ,जन्म व् मृत्यु के समय , विवाह में ,यात्रा आरम्भ या यात्राकाल में , व्रतोद्यापन में ,ग्रहो की अनिष्ट गोचर स्थिति में मुंडन ,उपन्यादि संस्कार में ,ग्रहण शांति ,रोग - पीड़ा की शांति ,नवरात्र -दुर्गा -पूजा ,पुत्रादि संतान जनम काल में अग्निवास का विचार नहीं किया जाता ..
.2. उपाय ब पूजा पाठ करने के अपने नियम कायदे है अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमो के अनुसार उपाय पूजा -पाठ करे तो उसको निश्चित ही उसकी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा किसी भी उपाय को करने से पहले उपाय करने वाला व्यक्ति अपने गुरु महाराज देवी -देवताओं को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेकर उपाय करे और जिस भी उपाय को वो कर रहा है उस उपाय में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखकर करे.अधूरे मन से व् बिना विश्वास से किया हुआ उपाय हमेशा निष्फल होता है इसलिए मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप कोई भी उपाय करें पहले अपने मन में श्रद्धा और विश्वास रखें और अपने गुरु महाराज और देवी -देवताओं का नाम लेकर उनको प्रणाम करके ही उपाय करें ऐसा करने से आपके दुवारा किया गया उपाय कल्याणकारी सिद्ध होगा
आज के लिए इतना ही काफी बाकि के विचार अगली वार .....
PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)
RESEARCH ASTROLOGER
GOLD MEDALIST
LUDHIANA ,PUNJAB , INDIA
PHONE:- 9417311379 .
astropawankv.blogspot.com
1. जिस दिन भी आपने घर में हवन करना हो या करवाना हो तो सबसे पहले यह जानना बहुत ही जरुरी है कि :- उस दिन हवन किया जा सकता है या नहीं...क्या हमे हवन करने या करवाने से फायदा होगा या नुक्सान ..क्या हवन करने से नुक्सान भी हो सकता है .जी हाँ हवन करने से फ़ायदा भी होता है और नुक्सान भी हो सकता है सिक्के के दो पहलु होते है जैसे सुख है तो दुःख भी है ख़ुशी है तो गमी भी है जनम है तो मौत भी है इत्यादि .तो हम बात कर रहे थे हवन के बारे में . हवन करने के लिए अग्नि का वास कहाँ पर है यह जानना बहुत ही जरूरी है जिस दिन भी आपने अपने घर में हवन करना हो या करवाना हो तो उस दिन सबसे पहले यह जानना बहुत ही जरुरी है कि :- उस दिन हवन किया जा सकता है या नहीं. हवन करने या करवाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि अग्नि का वास कहाँ पर है हमारे शास्त्रों में अग्नि के वास के बारे में लिखा गया है कि अग्नि का वास तीन जगह पर होता है जैसे आकाश में ,,पाताल में ,और धरती (पृथ्वी ) पर .....हमे हवन तभी करना या करवाना चाहिए जब अग्नि का वास पृथ्वी (धरती ) पर हो उस दिन किया या करवाया गया हवन कल्याणकारी यानि शुभ फलदायक होता है उस दिन किया गया हवन घर परिवार के लिए बहुत ही शुब फलदायक होता है सुख समृद्धि दायक होता है ..अगर अग्नि का वास पाताल में हो तो उस दिन हवन करने या करवाने से धन का नुक्सान होता है उस दिन हवन करने या करवाने से घर -परिवार में धन के नुक्सान होने लग जाते है मशीने या इलेक्ट्रॉनिक चीजें ख़राब होने लग जाती है कई बार लोगो को कहते सुना होगा कि जब से पाठ -हवन करवाया है घर परिवार में किसी न किसी तरह का नुक्सान ही होता जा रहा है इत्यादि .. .और यदि अग्नि का वास आकाश में हो तो उस दिन हवन करने या करवाने से घर -परिवार में किसी न किसी की आयु / सेहत शरीर का नुक्सान होने का डर होता है उस घर -परिवार वालों में से कोई न कोई बीमार होकर हॉस्पिटल के चक्कर लगाता रहता होगा यानि घर में शारीरक / मानसिक कष्ट -परेशानियां आती हुए नज़र आएँगी उस घर के ज्यादातर लोग कष्ट परेशानियों में नज़र आते होंगे इत्यादि . ...
हमारे शास्त्रो में अग्नि का वास देखने की विधि भी बताई गयी है जिसको देखे बिना हवन नहीं करना चाहिए और न ही करवाना चाहिए हमारे शास्त्रो में अग्नि का वास देखने का बहुत सरल तरीका बताया हुआ है जिस की सही सही गणना करने पर अग्नि के वास का पता लगाया जा सकता है.
अग्नि का वास जानने के लिए सबसे पहले जिस दिन हवन करना हो या करवाना हो उस दिन की तिथि और वार की सख्या को जोड़कर 1 जमा करे फिर कुल जोड़ को 4 से भाग दें .यदि शेष 0 आये या 3 आये तो अग्नि का वास पृथ्वी पर होगा ( हवन शुभ फलदायी होगा ) और यदि शेष 2 आये तो अग्नि का वास पाताल में होगा ( हवन अशुभ फलदायी होगा ) और यदि 1 शेष आये तो अग्नि का वास आकाश में होगा (हवन अशुभ फलदायी होगा )......वार की गणना रविबार से और तिथि की गणना शुक्ल प्रतिपदा से करनी चाहिए... उसके बाद ग्रहों के मुख में आहुति पर भी विचार किया जाना चाहिए ..
हमारे शास्त्रो में अग्नि वास का परिहार भी बताया गया है जैसे .नित्य नैमित्तिक कार्य ,जन्म व् मृत्यु के समय , विवाह में ,यात्रा आरम्भ या यात्राकाल में , व्रतोद्यापन में ,ग्रहो की अनिष्ट गोचर स्थिति में मुंडन ,उपन्यादि संस्कार में ,ग्रहण शांति ,रोग - पीड़ा की शांति ,नवरात्र -दुर्गा -पूजा ,पुत्रादि संतान जनम काल में अग्निवास का विचार नहीं किया जाता ..
.2. उपाय ब पूजा पाठ करने के अपने नियम कायदे है अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमो के अनुसार उपाय पूजा -पाठ करे तो उसको निश्चित ही उसकी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा किसी भी उपाय को करने से पहले उपाय करने वाला व्यक्ति अपने गुरु महाराज देवी -देवताओं को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेकर उपाय करे और जिस भी उपाय को वो कर रहा है उस उपाय में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखकर करे.अधूरे मन से व् बिना विश्वास से किया हुआ उपाय हमेशा निष्फल होता है इसलिए मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप कोई भी उपाय करें पहले अपने मन में श्रद्धा और विश्वास रखें और अपने गुरु महाराज और देवी -देवताओं का नाम लेकर उनको प्रणाम करके ही उपाय करें ऐसा करने से आपके दुवारा किया गया उपाय कल्याणकारी सिद्ध होगा
आज के लिए इतना ही काफी बाकि के विचार अगली वार .....
PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)
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PHONE:- 9417311379 .
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