रहस्यमयी लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में मंगल ग्रह का फल ...
पिछले कुछ समय से मैं आप सभी के साथ लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान के बारे में विचार बिमर्श कर रहा हूँ आज मैं आपके साथ उसी रहस्यमयी ज्ञान का एक और रहस्य आपके साथ साँझा करने जा रहा हूँ जिसमे आज आप जानेंगे कि लाल किताब के इस रहस्यमयी ज्ञान में ग्रहो के बारे में खानाबार क्या रहस्य छिपा हुआ है आज मैं आपको बताऊंगा कि अगर आपकी जन्मकुंडली में मंगल ग्रह शुभ या अशुभ भाव में हो तो लाल किताब का रहस्यमयी ज्ञान क्या कहता है सबसे पहले आप जाने कि लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में मंगल ग्रह से क्या क्या देखा जाता है मंगल ग्रह से भाई ,दोस्त ,लड़ाई -झगड़े ,शूरवीरता ,सौंफ ,देसी खांड ,शहद ,चाचा ,ताया ,मसर की दाल ,मूंगा ,नीम का बृक्ष ,हथियार ,खून ,भोजन ,हकीम ,रसोई ,चीता,मीठा भोजन ,मिठाई ..इत्यादि और भी बहुत कुछ है जो मंगल ग्रह से देखा जाता है .. रहस्यमयी लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में मंगल के दो रूप बताये गए है एक है नेक मंगल और इसका दूसरा रूप है मंगल नीच यानि मंगलबद . नेक मंगल का तो हमेशा ही शुभ फल मिलता है लेकिन नीच मंगल यानि मंगलबद का फल बहुत बुरा होता है .. कालपुरष की कुंडली के अनुसार मंगल पहले और आठवे घर का मालिक है लेकिन इसका पक्का घर तीसरा है .सूर्य ,गुरु और चन्द्र इसके मित्र ग्रह हैं और बुध ,केतु शत्रु ग्रह हैं जब जन्मकुंडली में सूर्य और बुध साथ साथ और शुभ स्थिति में हो तो मंगल नेक होता है जब मंगल ग्रह को सूर्य और चन्द्र का साथ न मिल रहा हो या सूर्य शनि का आपस में लिंक बन रहा हो या जन्मकुंडली में शुक्र खाना नंबर 9 में हो या फिर मंगल ग्रह बुध शुक्र के आमने सामने आ जाये व् राहु खाना नंबर 5,9,में हो और केतु खाना नंबर 3,6 में हो इत्यादि और भी बहुत से ग्रहो के आपसी संबंध यानि दृष्टि /टकराओ जिन्हे जन्मकुंडली में देखना बहुत ही जरूरी है जिस से यह पता लगाया जा सके कि जन्मकुंडली में बैठा हुआ मंगल ग्रह मंगल नेक फल का है या फिर मंगल नीच यानि मंगलबद है या फिर जातक मांगलिक है या नहीं इस रहस्यमयी ज्ञान में बताया गया है कि जन्मकुंडली में मंगल ग्रह की ताकत और बुध और शनि की ताकत देखनी बहुत ही जरुरी होती है वैसे तो सभी ग्रहों की स्थिति देखनी बहुत ही जरूरी है किसी एक ग्रह को देखकर फलादेश नहीं दिया जा सकता लेकिन आज हम सिर्फ मंगल ग्रह की ही बात कर रहे है तो सिर्फ मंगल ग्रह की ही चर्चा करंगे खास करके मंगलबद की .. क्युकी अगर इस ग्रह की तरफ ध्यान नहीं दिया गया और कहीं यह जन्मकुंडली में नीच हुआ हो यानि मंगलबद का बैठा हो तो यह मंगलबद ग्रह जब अपनी आई पर आता है तो जातक को सम्भलने का भी मौका नहीं देता है क्युकी साप का काटा हुआ ( शनि ग्रह का बुरा असर ) तो शायद बच भी जाये पर मंगलबद का मारा हुआ कभी भी नहीं बच सकता मंगलबद जातक की धन सम्पति को तो नष्ट कर ही देता है उसके दीन धर्म को उसकी सुख शांति को भी खत्म कर देता है लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में इसके बारे यह लिखा हुआ है कि ...
" ऐसे जन्मे चन्द्र भान , चूल्हे आग न मंजे बाण "
जब यह ग्रह यानि जिस जातक की जन्मकुंडली में मंगलबद हो तो ऐसा जातक अपनी ज़िंदगी में हरदम गुस्से में अशांत मन का और हमेशा अंदर ही अंदर सड़ता कुड़ता रहता होगा और दुसरो की तरक्की से अंदर ही अंदर खुश न होगा बाहर से बनावटी हंसी लेकर चलता होगा ऐसा व्यक्ति हमेशा ही दुसरो को नसीहत देता रहता होगा लेकिन कभी भी अपने दोषों अवगुणो की तरफ ध्यान न देगा ऐसा व्यक्ति हर किसी से लड़ने मरने को हमेशा तैयार रहता होगा किसी की नहीं सुनता होगा बस अपनी ही सुनाना चाहता होगा उसकी ज़िंदगी में परेशानियां, कष्ट, धोखा, बदनामी आम होगा .जीभ की बीमारियां अपना घर फूंक कर तमाशा देखने वाला ,धन सम्पति के लिए बुरा असर ,माता, दादी,नानी,सास ,और पत्नी के लिए बुरा असर वाला ,संतान सुख में कमी ,नज़र ख़राब होने का भय ,परायी स्त्री के लिए बदनामी ,सदा ही धर्म के विरुद्ध चलने वाला इसके जनम से पहले पिता की कमाई अच्छी होगी लेकिन इसके जनम के बाद धीरे धीरे पिता की कमाई खत्म होती हुए नज़र आती होगी अगर जन्मकुंडली में मंगल का शनि और बुध ,केतु से लिंक बन रहा हो तो ऐसे जातक के घर में ऑपरेशन यानि सर्जरी या खून में खराबी ,शूगर की बीमारी शरीर के किसी अंग के काटने की नौबत आना बाजूओं में किसी तरह की प्रॉब्लम आना ऐसा जातक दूसरों की मुसीबत अपने सर लेकर बर्बाद होता है यानि आ बेल मुझे मार वाली कहावत को सच करता होगा ऐसे जातक को विवाहित ज़िंदगी का पूर्ण सुख नहीं मिलता हमेशा ही पति पत्नी और परिवार में कड़वाहट बनी रहती है यानि कलह कलेश रहता है अगर ऐसे जातक को कभी सरकारी नौकरी मिल जाये तो वो उसकी अपनी जाने अनजाने में की गयी गलतियों के कारण उसकी सरकारी नौकरी छूट जाएगी या फिर वो खुद ही अपनी बेवकूफी से सरकारी नौकरी को छोड़ देगा .. ..इत्यादि
और अगर मंगल जन्मकुंडली में नेक हो तो ऐसा जातक शूरवीर ,साहसी ,और हमेशा ही सचाई और नेकी पर चलने वाला होता है वो कभी भी अकेला भाई न होगा यानि उसके और भाई जरूर होंगे अगर न हो तो उसके दोस्त रिश्तेदार उसका उसके भाइयों की तरह साथ देते होंगे .वो जातक की कमाई राजदरवार यानि सरकारी महकमे से होती होगी और ऐसा व्यक्ति अगर किसी का साथ देगा तो अंत तक देगा कभी धोखा न देगा उसको विवाहित ज़िंदगी का पूर्ण सुख मिलता है .....इत्यादि आज के लिए इतना ही काफी बाकी की बातें मंगल ग्रह के बारे में फिर कभी ..
हम लोग आज जो इतनी पूजा -पाठ करते है या फिर इतने उपाओ करते है और फिर भी परेशान ही रहते है या तो हमे पूजा -पाठ और उपाओ का विधि - विधान नहीं पता और या फिर उसके पीछे छुपा ज्ञान नहीं पता हमे धर्म के नाम के पीछे छुपे रहस्यमयी ज्ञान का पता ही नहीं ..बस एक अंधी दौड सी लगी हुई है और हम सब बिना कुछ समझे जाने बस भाग रहे है यही हमारा दुर्भाग्य है जिस के कारण हम लोग दुखी कष्ट और परेशानियों वाला जीवन जी रहे है
अपनी जन्मकुंडली को लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान से दरुस्त करवाने या बनबाने या फिर दिखाने के लिए और या फिर अपनी जन्मकुंडली के उपायों और परहेज को जानने के लिए आप मुझ से संपर्क कर सकते हो . .( You may contact me on my mobile no. +919417311379 for a paid consultation.)...CONSULTATION FEE...Rs..1100/ only.. ...( per kundli for 15 min. )
PAWAN KUMAR VERMA ( B.A.,D.P.I.,LL.B.)
Research Astrologer
Gold Medalist
Ludhiana,Punjab,India.
PH. 9417311379.
ASTRO. RESEARCH CENTRE
OFFICE:- 7728/4 ST. NO.5 NEW GURU ANGAD COLONY
BEHIND A.T.I. COLLEGE LUDHIANA. PUNJAB. INDIA.141003
astropawankvblogspot.com or call +919417311379
पिछले कुछ समय से मैं आप सभी के साथ लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान के बारे में विचार बिमर्श कर रहा हूँ आज मैं आपके साथ उसी रहस्यमयी ज्ञान का एक और रहस्य आपके साथ साँझा करने जा रहा हूँ जिसमे आज आप जानेंगे कि लाल किताब के इस रहस्यमयी ज्ञान में ग्रहो के बारे में खानाबार क्या रहस्य छिपा हुआ है आज मैं आपको बताऊंगा कि अगर आपकी जन्मकुंडली में मंगल ग्रह शुभ या अशुभ भाव में हो तो लाल किताब का रहस्यमयी ज्ञान क्या कहता है सबसे पहले आप जाने कि लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में मंगल ग्रह से क्या क्या देखा जाता है मंगल ग्रह से भाई ,दोस्त ,लड़ाई -झगड़े ,शूरवीरता ,सौंफ ,देसी खांड ,शहद ,चाचा ,ताया ,मसर की दाल ,मूंगा ,नीम का बृक्ष ,हथियार ,खून ,भोजन ,हकीम ,रसोई ,चीता,मीठा भोजन ,मिठाई ..इत्यादि और भी बहुत कुछ है जो मंगल ग्रह से देखा जाता है .. रहस्यमयी लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में मंगल के दो रूप बताये गए है एक है नेक मंगल और इसका दूसरा रूप है मंगल नीच यानि मंगलबद . नेक मंगल का तो हमेशा ही शुभ फल मिलता है लेकिन नीच मंगल यानि मंगलबद का फल बहुत बुरा होता है .. कालपुरष की कुंडली के अनुसार मंगल पहले और आठवे घर का मालिक है लेकिन इसका पक्का घर तीसरा है .सूर्य ,गुरु और चन्द्र इसके मित्र ग्रह हैं और बुध ,केतु शत्रु ग्रह हैं जब जन्मकुंडली में सूर्य और बुध साथ साथ और शुभ स्थिति में हो तो मंगल नेक होता है जब मंगल ग्रह को सूर्य और चन्द्र का साथ न मिल रहा हो या सूर्य शनि का आपस में लिंक बन रहा हो या जन्मकुंडली में शुक्र खाना नंबर 9 में हो या फिर मंगल ग्रह बुध शुक्र के आमने सामने आ जाये व् राहु खाना नंबर 5,9,में हो और केतु खाना नंबर 3,6 में हो इत्यादि और भी बहुत से ग्रहो के आपसी संबंध यानि दृष्टि /टकराओ जिन्हे जन्मकुंडली में देखना बहुत ही जरूरी है जिस से यह पता लगाया जा सके कि जन्मकुंडली में बैठा हुआ मंगल ग्रह मंगल नेक फल का है या फिर मंगल नीच यानि मंगलबद है या फिर जातक मांगलिक है या नहीं इस रहस्यमयी ज्ञान में बताया गया है कि जन्मकुंडली में मंगल ग्रह की ताकत और बुध और शनि की ताकत देखनी बहुत ही जरुरी होती है वैसे तो सभी ग्रहों की स्थिति देखनी बहुत ही जरूरी है किसी एक ग्रह को देखकर फलादेश नहीं दिया जा सकता लेकिन आज हम सिर्फ मंगल ग्रह की ही बात कर रहे है तो सिर्फ मंगल ग्रह की ही चर्चा करंगे खास करके मंगलबद की .. क्युकी अगर इस ग्रह की तरफ ध्यान नहीं दिया गया और कहीं यह जन्मकुंडली में नीच हुआ हो यानि मंगलबद का बैठा हो तो यह मंगलबद ग्रह जब अपनी आई पर आता है तो जातक को सम्भलने का भी मौका नहीं देता है क्युकी साप का काटा हुआ ( शनि ग्रह का बुरा असर ) तो शायद बच भी जाये पर मंगलबद का मारा हुआ कभी भी नहीं बच सकता मंगलबद जातक की धन सम्पति को तो नष्ट कर ही देता है उसके दीन धर्म को उसकी सुख शांति को भी खत्म कर देता है लाल किताब के रहस्यमयी ज्ञान में इसके बारे यह लिखा हुआ है कि ...
" ऐसे जन्मे चन्द्र भान , चूल्हे आग न मंजे बाण "
जब यह ग्रह यानि जिस जातक की जन्मकुंडली में मंगलबद हो तो ऐसा जातक अपनी ज़िंदगी में हरदम गुस्से में अशांत मन का और हमेशा अंदर ही अंदर सड़ता कुड़ता रहता होगा और दुसरो की तरक्की से अंदर ही अंदर खुश न होगा बाहर से बनावटी हंसी लेकर चलता होगा ऐसा व्यक्ति हमेशा ही दुसरो को नसीहत देता रहता होगा लेकिन कभी भी अपने दोषों अवगुणो की तरफ ध्यान न देगा ऐसा व्यक्ति हर किसी से लड़ने मरने को हमेशा तैयार रहता होगा किसी की नहीं सुनता होगा बस अपनी ही सुनाना चाहता होगा उसकी ज़िंदगी में परेशानियां, कष्ट, धोखा, बदनामी आम होगा .जीभ की बीमारियां अपना घर फूंक कर तमाशा देखने वाला ,धन सम्पति के लिए बुरा असर ,माता, दादी,नानी,सास ,और पत्नी के लिए बुरा असर वाला ,संतान सुख में कमी ,नज़र ख़राब होने का भय ,परायी स्त्री के लिए बदनामी ,सदा ही धर्म के विरुद्ध चलने वाला इसके जनम से पहले पिता की कमाई अच्छी होगी लेकिन इसके जनम के बाद धीरे धीरे पिता की कमाई खत्म होती हुए नज़र आती होगी अगर जन्मकुंडली में मंगल का शनि और बुध ,केतु से लिंक बन रहा हो तो ऐसे जातक के घर में ऑपरेशन यानि सर्जरी या खून में खराबी ,शूगर की बीमारी शरीर के किसी अंग के काटने की नौबत आना बाजूओं में किसी तरह की प्रॉब्लम आना ऐसा जातक दूसरों की मुसीबत अपने सर लेकर बर्बाद होता है यानि आ बेल मुझे मार वाली कहावत को सच करता होगा ऐसे जातक को विवाहित ज़िंदगी का पूर्ण सुख नहीं मिलता हमेशा ही पति पत्नी और परिवार में कड़वाहट बनी रहती है यानि कलह कलेश रहता है अगर ऐसे जातक को कभी सरकारी नौकरी मिल जाये तो वो उसकी अपनी जाने अनजाने में की गयी गलतियों के कारण उसकी सरकारी नौकरी छूट जाएगी या फिर वो खुद ही अपनी बेवकूफी से सरकारी नौकरी को छोड़ देगा .. ..इत्यादि
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हम लोग आज जो इतनी पूजा -पाठ करते है या फिर इतने उपाओ करते है और फिर भी परेशान ही रहते है या तो हमे पूजा -पाठ और उपाओ का विधि - विधान नहीं पता और या फिर उसके पीछे छुपा ज्ञान नहीं पता हमे धर्म के नाम के पीछे छुपे रहस्यमयी ज्ञान का पता ही नहीं ..बस एक अंधी दौड सी लगी हुई है और हम सब बिना कुछ समझे जाने बस भाग रहे है यही हमारा दुर्भाग्य है जिस के कारण हम लोग दुखी कष्ट और परेशानियों वाला जीवन जी रहे है
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