*दुर्गा जी के पूजन की सरल एवं सम्पूर्ण पूजा विधि- जिसके द्वारा आप स्वयं से भी पूजा आराधना कर के सम्पूर्ण दुर्गा पूजन का फल एवं उनकी कृपा प्राप्त कर सकते है-*
माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा पूजा विधि पूर्वक करे तो दुर्गा माँ सारी मनोकामना पूरी करती हैं।
नवरात्री मैं दुर्गा पूजन का विशेष महत्व हैं वैसे आप किसी भी दिन दुर्गा पूजा कर सकते हैं। सुबह जल्दी स्नान करके और लाल कपडे पहनकर दुर्गा पूजन करना चाहिए।
दुर्गा पूजा के बाद ब्राह्मण और ९ छोटी कन्याओ को भोजन कराना चाहिए।
दुर्गा पूजा का सकंल्प-*
दुर्गा पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।
*सरल दुर्गा पूजन विधि-*
अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें एवं दाहिने हाथ की अनामिका उँगली व आसपास की उँगलियों से निम्न मंत्र बोलते हुए स्वयं के ऊपर एवं पूजन सामग्रियों पर जल छिड़कें
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्था गतोsपि वा l या स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्रामायंतर: शुचि: ll
श्रद्धा भक्ति के साथ घी का दीपक लगाएं।दीपक रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प , से पूजन करें।
अगरबत्ती/धूपबत्ती जलाये
जल भरा हुआ कलश स्थापित करे और कलश का धूप ,दीप, रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प , से पूजन करें।
सर्वप्रथम गणेशजी का पूजन करे
अब दुर्गा माँ का ध्यान और हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर ” श्री जगदम्बायै दुर्गा देव्यै नम:। दुर्गादेवीमावाहयामि” मंत्र बोलते हुए दुर्गा माँ का आवाहन करे
अक्षत और पुष्प दुर्गा माँ की मूर्ति पर समर्पित कर दे
अब दुर्गा माँ की मूर्ति को जल, कच्चे दूध और पंचामृत से स्नान कराये
अब माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं।
कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,गुड़हल का पुष्प और माला अर्पित करे
धुप और दीप दिखाए
मिठाइयाँ, एवं ऋतुफल जैसे- सेब, चीकू आदि का नैवेद्य अर्पित करे फिर दक्षिणा चढाये
माता दुर्गा की प्रतिमा के सामने अपनी मनोकामना मन मे बोलते हुए नारियल अर्पित करें।
उसके बाद आप नवरात्रो में जो पूजा करना चाहते है उसका पाठ या जप पूर्ण मन से करे-
जैसे दुर्गा शप्तशती पाठ। देवी पुराण का पाठ-या दुर्गा चालीसा का पाठ या नवार्ण मन्त्र का जप या जिस मनोकामना के लिए आप जो भी पाठ या जप करना चाहते है उसके साथ रोज वाली पूजा को भी सम्मिलित करके करना प्रारम्भ करे।
पाठ पूर्ण होने पर
आचमन के लिए जल अर्पित करे
अंत मैं दुर्गा माँ की आरती करे
पुष्पांजलि समर्पित करे।
दुर्गा पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए दुर्गा माँ के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि l यत पूजितं मया देवी, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l
आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरि l
*हमारी बताई गयी सरल दुर्गा पूजा विधि से दुर्गा पूजन करे और दुर्गा माँ आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करेगी-*
जीवन में ज्ञान और कर्म, दोनो का समन्वय करो। अपने व्यक्तित्व को दोनो के आधार पर संचालित करो।
🙏🙏💫
Astrologer in ludhiana, punjab,india.
#Research Astrologer
#Pawan Kumar Verma (B.A.,D.P.I.,LL.B.) Research Astrologer
Mrs.Monita Verma
(Astro. Vastu Consultant )
Office 7728/4 St.no.5 new guru angad colony
Behind A.T.I.College Ludhiana.3
LUDHIANA PUNJAB BHARAT.
फोन 9417311379
www.astropawankv.blogspot.com
www.facebook.com/astropawankv
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Paytm....9815911379
माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा पूजा विधि पूर्वक करे तो दुर्गा माँ सारी मनोकामना पूरी करती हैं।
नवरात्री मैं दुर्गा पूजन का विशेष महत्व हैं वैसे आप किसी भी दिन दुर्गा पूजा कर सकते हैं। सुबह जल्दी स्नान करके और लाल कपडे पहनकर दुर्गा पूजन करना चाहिए।
दुर्गा पूजा के बाद ब्राह्मण और ९ छोटी कन्याओ को भोजन कराना चाहिए।
दुर्गा पूजा का सकंल्प-*
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*सरल दुर्गा पूजन विधि-*
अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें एवं दाहिने हाथ की अनामिका उँगली व आसपास की उँगलियों से निम्न मंत्र बोलते हुए स्वयं के ऊपर एवं पूजन सामग्रियों पर जल छिड़कें
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अब दुर्गा माँ का ध्यान और हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर ” श्री जगदम्बायै दुर्गा देव्यै नम:। दुर्गादेवीमावाहयामि” मंत्र बोलते हुए दुर्गा माँ का आवाहन करे
अक्षत और पुष्प दुर्गा माँ की मूर्ति पर समर्पित कर दे
अब दुर्गा माँ की मूर्ति को जल, कच्चे दूध और पंचामृत से स्नान कराये
अब माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं।
कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,गुड़हल का पुष्प और माला अर्पित करे
धुप और दीप दिखाए
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माता दुर्गा की प्रतिमा के सामने अपनी मनोकामना मन मे बोलते हुए नारियल अर्पित करें।
उसके बाद आप नवरात्रो में जो पूजा करना चाहते है उसका पाठ या जप पूर्ण मन से करे-
जैसे दुर्गा शप्तशती पाठ। देवी पुराण का पाठ-या दुर्गा चालीसा का पाठ या नवार्ण मन्त्र का जप या जिस मनोकामना के लिए आप जो भी पाठ या जप करना चाहते है उसके साथ रोज वाली पूजा को भी सम्मिलित करके करना प्रारम्भ करे।
पाठ पूर्ण होने पर
आचमन के लिए जल अर्पित करे
अंत मैं दुर्गा माँ की आरती करे
पुष्पांजलि समर्पित करे।
दुर्गा पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए दुर्गा माँ के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि l यत पूजितं मया देवी, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l
आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरि l
*हमारी बताई गयी सरल दुर्गा पूजा विधि से दुर्गा पूजन करे और दुर्गा माँ आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करेगी-*
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