*||शनिचरी अमावस्या ||*
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*नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।*
*नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय * वै नम: ।।*
*हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि शनिवार, 30 अप्रैल को है। शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या या शनिश्वरी अमावस्या भी कहते हैं। शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा आराधना का विशेष महत्व होता है। इस दिन शनिदोष को खत्म करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।*
*इस बार शनि अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। भारत में सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।*
*शनिश्चरी अमावस्या का महत्व जानें रिसर्च एस्ट्रोलॉजर पवन कुमार वर्मा लुधियाना पंजाब जी से.....*
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*शनि ग्रह की शांति :- शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इस दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष शांति होती है। जिन लोगों के जीवन में शनि से जुड़ी कोई परेशानी आ रही है वे इस दिन विधि पूर्वक शनिदेव का उपाय करें। बहुत लाभ होता है।*
*शनि मंदिर जाएं:-*
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*इस दिन शाम के समय शनि मंदिर जाएं और वहां शनि देव की पूजा करें। इससे पुण्य प्राप्त होता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा से लाभ मिलता है।*
*सरसों के तेल से होगी शनिदेव की पूजाः-*
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*इस दिन शनिदेव के पूजन में सरसों के तेल का उपयोग करें तथा काले उड़द की बनी हुई इमरती का भोग लगाएं। इससे जातकों की राशि पर चल रही शनि की महादशा साढ़े साती और ढैया से मुक्ति मिलती है।*
*शनिश्चरी अमावस्या के उपाय जानें रिसर्च एस्ट्रोलॉजर पवन कुमार वर्मा लुधियाना पंजाब जी से....*
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*1- स्कंद पुराण के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन माही नदी में स्नान करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष की पीड़ा से राहत मिलती है. सभी दुख दूर होते हैं।*
*2- शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. पूजा के समय नीले फूल, काला तिल, सरसों का तेल आदि श्रद्धापूर्वक अर्पित करना चाहिए. शनि कृपा से कार्यों में सफलता मिलेगी, कष्ट और पाप दूर होंगे।*
*3- शनिश्चरी अमावस्या के दिन आप किसी भी जरुरतमंद की मदद करें. उसे भोजन कराएं. उसे वस्त्र, जूते, चप्पल आदि दें। गरीबों की मदद करने वालों पर भी शनि देव प्रसन्न रहते हैं।*
*4- शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर आप किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगबली को सिंदूर का चोला चढाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. आपको शनि पीड़ा से राहत मिलेगी।*
*हिंदू धर्म में वैशाख अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा रही है। अमावस्या के अवसर पर पितृदोष से मुक्ति पाने का भी अच्छा समय होता है।*
*|| न्यायाधीश शनिदेव की जय हो ||*
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