कुंडली का चौथा भाव घर का है तो छठा भाव किए-कराए या ऊपरी बाधा / शत्रु का है, आठवां भाव भी इन्ही चीजों का गुप्त भाव होता है।_
_शनि या राहु / केतु मंगल ऊपरी बाधा,जादू टोने, शत्रु किया कराया के ग्रह है, अब कुंडली में चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी से चौथे भाव स्वामी या छठे भाव का संबंध बन रहा हो और इस संबध में राहु और शनि मंगल केतु भी सम्मिलित है या चौथे और छठे भाव संबंध को शनि राहु , मंगल केतु पीड़ित कर रहे है दृष्टि से तब मकान/घर में ऊपरी/ घर परिवार किया-कराया,जादू टोना,ऊपरी हवा/चक्कर होना शत्रु या बार बार होने का बहम होना लगभग निश्चित कर देता है_
*राम राम जी*
*Scientific Astrology and Vastu Research Center Research Astrologers Pawan Kumar Verma (B.A.,D.P.I.,LL.B.)& Monita Verma Astro Vastu.. Astro. Research centre Ludhiana Punjab Bharat Phone number 9417311379 www.astropawankv.blogspot.com*