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Wednesday, 18 September 2024

पितृ पक्ष.... हमारे पूर्वज

 पितृ पक्ष


    पितृपक्ष जिन्हें श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है, प्रारंभ हो गए हैं, और ऐसे में अपने पूर्वज जिन्हें हम पितृ बोलते हैं, उनको याद अवश्य करना चाहिए। इस हेतु उनके निमित्त पूरी और खीर समर्पित करना चाहिए। ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम दो रोटी अतिरिक्त बनाएं । और एक गाय को एक कुत्ते को और हो सके तो एक कौवे को खिलाएं। साथ ही घर के साउथ वेस्ट में पितरों के निमित्त एक आटे का दीपक बनाकर संध्या के समय अवश्य प्रज्वलित करें। और अपने पितरों से प्रार्थना करें कि उनका आशीर्वाद आपको निरंतर प्राप्त होता रहे। यदि किसी समस्या से आप जूझ रहे हैं तो उस समस्या को मन में सोच कर उसको दूर करने का आशीर्वाद भी आप उनसे मांगे। और उन्हें याद करें। 

   पितृ जो होते हैं वह हमारे पूर्वज ही होते हैं, वह आपसे कुछ नहीं चाहते, सिर्फ मान सम्मान ही चाहते हैं। और इस समय आप उनको याद कर लें यह अपने आप में बड़ी बात है। उनको सम्मान दें।


*राम राम जी*

*Scientific Astrology and Vastu Research Center* *Research Astrologers Pawan Kumar Verma (B.A.,D.P.I.,LL.B.)& Monita Verma Astro Vastu...Astro Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone number 9417311379 , 7888477223*

*www.astropawankv.com*




Tuesday, 17 September 2024

विर्सजन करें.....

 आज करें विसर्जन....

 आज....




विसर्जन कीजिये *गुस्से* का,


विसर्जन कीजिये *द्वेष* का,


विसर्जन कीजिये *लोभ* का,


विसर्जन कीजिये *मोह* का,


विसर्जन कीजिये *आलस* का,


विसर्जन कीजिये *चिंता* का,


विसर्जन कीजिये *निराशा* का,


विसर्जन कीजिए *दुराचार* का,


विसर्जन कीजिए *अहम और गुरुर* का,


विसर्जन कीजिये *नकारात्मक विचारों* का,


विसर्जन कीजिये *बुरी आदतों का*,




निसंदेह....सभी विघ्न दूर होंगे.




🙏🏻🌺 गणपति बप्पा मोरिया


Verma's Scientific Astrology and Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone...9417311379.  www astropawankv.com

Saturday, 7 September 2024

गणपति उत्सव... केतु गुरू का उपाय

 ||श्री गणपती जी क्यों बिठाते हैं ?||

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हम सभी हर साल गणपती की स्थापना करते हैं,

      साधारण भाषा में गणपती को बैठाते हैं।


लेकिन क्यों ? किसी को मालूम है क्या ?हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की है।लेकिन लिखना उनके वश का नहीं था।अतः उन्होंने श्री गणेश जी की आराधना की और गणपतीजी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की।


गणपती जी ने सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारम्भ हुआ और इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी, लेकिन उन्हें पानी पीना भी वर्जित था।

अतः गणपती जी के शरीर का तापमान बढ़े नहीं। इसलिए वेदव्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप

 किया और भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी की

 पूजा की।मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर 

में अकड़न आ गई, इसी कारण गणेश जी का एक नाम पार्थिव गणेश भी पड़ा।


महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला।

  अनंत चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हुआ।


वेदव्यास ने देखा कि, गणपती का शारीरिक तापमान फिर भी बहुत बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर लेप 

की गई मिट्टी सूखकर झड़ रही है, तो वेदव्यास ने उन्हें पानी में डाल दिया।


इन दस दिनों में वेदव्यास ने गणेशजी को खाने के लिए विभिन्न पदार्थ दिए।तभी से गणपती बैठाने की प्रथा चल पड़ी।


इन दस दिनों में इसीलिए गणेश जी को पसंद

     विभिन्न भोजन अर्पित किए जाते हैं।।

लाल किताब ज्योतिष शास्त्र और प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों  के अनुसार इससे केतु का और गुरू का  रहस्यमई ढंग से अपने आप उपाय परहेज़ हो जाता है  अगर जन्मकुंडली में केतू गुरू सही स्थिति में नहीं है तो  आप इस तरह से भी उपाय परहेज़ कर सकते हैं..... और दोष विमुक्त हो सकते हैं.....

              || गणपती बाप्पा मोरया"||

                        *Scientific Astrology and Vastu Research Center Research Astrologers Pawan Kumar Verma (B.A.,D.P.I.,LL.B.)& Monita Verma Astro Vastu....Astro. Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone number 9417311379  www astropawankv.com*