Translate

Tuesday, 24 April 2018

मंगल के शुभ अशुभ योग...

🙏मंगल के शुभ अशुभ योग🙏

#मंगल का पहला अशुभ योग-*

*किसी #कुंडली में मंगल और राहु एक साथ हों तो अंगारक योग बनता है।*

*अक्सर यह #योग बड़ी दुर्घटना का कारण बनता है।*

*इसके चलते लोगों को सर्जरी और रक्त से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।*

#अंगारक योग इंसान का स्वभाव बहुत क्रूर और नकारात्मक बना देता है।*

*इस योग की वजह से परिवार के साथ रिश्ते बिगड़ने लगते हैं।*

मंगल का दूसरा अशुभ योग

*अंगारक योग के बाद मंगल का दूसरा अशुभ योग है मंगल दोष। यह इंसान के व्यक्तित्व और रिश्तों को नाजुक बना देता है।*

*कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें स्थान में मंगल हो तो #मंगलदोष का योग बनता है।*

*इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मांगलिक कहते हैं।*

*कुंडली की यह स्थिति विवाह संबंधों के लिए बहुत संवेदनशील मानी जाती है।*


*मंगल का तीसरा #अशुभ योग-*
*नीचस्थ मंगल तीसरा सबसे अशुभ योग है। जिनकी कुंडली में यह योग बनता है, उन्हें अजीब परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।*

*इस योग में #कर्क राशि में मंगल नीच का यानी कमजोर हो जाता है।*

*जिनकी कुंडली में #नीचस्थ मंगल योग होता है, उनमें आत्मविश्वास और साहस की कमी होती है।*

*यह योग #खून की कमी का भी कारण बनता है।*

*कभी–कभी कर्क राशि का नीचस्थ मंगल इंसान को डॉक्टर या सर्जन भी बना देता है।*

*मंगल का चौथा अशुभ योग-*

*मंगल का एक और अशुभ योग है जो बहुत खतरनाक है। इसे #शनि मंगल (अग्नि योग) कहा जाता है। इसके कारण इंसान की जिंदगी में बड़ी और जानलेवा घटनाओं का योग बनता है।*

#ज्योतिष में शनि को हवा और मंगल को आग माना जाता है।*

*जिनकी कुंडली में शनि मंगल (अग्नि योग) होता है उन्हें हथियार, हवाई हादसों और बड़ी दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए।*

*हालांकि यह योग कभी–कभी बड़ी कामयाबी भी दिलाता है।*

*शनि मंगल (अग्नि योग) के लिए उपाय-*

*शनि मंगल (अग्नि योग) दोष के प्रभाव को कम करने के लिए रोज सुबह #माता-पिता के पैर छुएं।*


*मंगल का पहला शुभ योग-*

*मंगल के शुभ योग में भाग्य चमक उठता है। लक्ष्मी योग मंगल का पहला शुभ योग है।*

*#चंद्रमा और मंगल के संयोग से लक्ष्मी योग बनता है।*

*यह योग इंसान को धनवान बनाता है।*

*जिनकी कुंडली में लक्ष्मी योग है, उन्हें नियमित दान करना चाहिए।*

*मंगल का दूसरा शुभ योग-*

*मंगल से बनने वाले पंच-महापुरुष योग को रूचक योग कहते हैं।*

*जब मंगल मजबूत स्थिति के साथ मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो रूचक योग बनता है।*

*यह योग इंसान को राजा, भू-स्वामी, सेनाध्यक्ष और प्रशासक जैसे बड़े पद दिलाता है।इस योग वाले व्यक्ति को कमजोर और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।
आज के लिए इतना ही काफी ..जानते रहिये मेरे साथ #रहस्यमयी ज्योतिष शास्त्रों के रहस्यों को.....अपनी जन्मकुंडली बनबाने या फिर दिखाने के लिए मिलें। और अपने जन्मकुंडलियों के अनुसार उपाय परहेज जानने के लिये अवश्य मिलें।
#रिसर्च एस्ट्रोलॉजर #Pawan Kumar Verma           (B.A.,D.P.I.,LL.B.)
Mrs.Monita Verma
(Astro. Vastu Consultant )
Astro. Research Centre
7728/4 St.no.5 new guru angad colony
Behind A.T.I.College Ludhiana.3
B.office. K.S. TOWER MODEL GRAM ROAD NEAR ESI HOSPITAL LUDHIANA PUNJAB BHARAT.
फोन 9417311379
www.astropawankv.blogspot.com
www.facebook.com/astropawankv