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Thursday 20 May 2021

जानकी नवमी

 *राम राम जी*


*|| जानकी जी का प्राकट्य दिवस है आज||*

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 *जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा-*

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*पृथ्वी पर लगातार बढ़ रहे अत्याचारों को खत्म करने और धरती पर राम-राज्य स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु जी ने जब मानव रूप में अवतरित होने का निर्णय लिया तब, उनकी पत्नी मां लक्ष्मी जी ने भी उनके साथ चलने की जिद ठान ली। बताया जाता है कि, जब भगवान विष्णु ने प्रभु श्री राम जी के रूप में नरेश दशरथ जी के घर जन्म लिया तब देवी लक्ष्मी माता सीता जी के रूप में मिथिला नरेश राजा जनक जी के घर पर जन्म लिया।*


*वाल्मीकि रामायण के अनुसार बताया जाता है कि, राजा जनक जी की कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ करने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्हें जमीन तैयार करनी थी। इसके लिए राजा जनक जी वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में जमीन जोत रहे थे। उसी समय उनका हल जमीन में जा फंसा। जब काफी देर तक और ढेरों मेहनत-मशक्कत के बाद भी हल नहीं निकल सकता, तो उस जगह की खुदाई करनी पड़ी। खुदाई करने पर पता चला कि, मिट्टी के भीतर एक बर्तन दबा है जिसकी वजह से हाल वहीं अटक गया है।*


*जब उस बर्तन को बाहर निकाला गया तो उसमें से उन्हें कन्या मिली। क्योंकि उस समय राजा जनक जी जमीन जोत रहे थे ऐसे में जुती हुई भूमि और हल की नोक को सीत कहा जाता है और इसी के चलते उन्होंने उस पुत्री का नाम सीता रख दिया और उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार लिया। बताया जाता है कि, सीता जी के आते ही मिथिला में ख़ुशियाँ वापिस लौट आईं और लोगों का जीवन सुख पूर्वक बीतने लगा। जिस दिन राजा जनक जी को खेत मे सीताजी मिलीं इस तिथि को ही माता सीता जी का प्राकट्य दिवस माना जाता है।*


*इस पर्व को 'जानकी नवमी' भी कहते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता जी का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है। इस दिन माता सीता जी के मंगलमय नाम श्री सीतायै नमः' और 'श्रीसीता-रामाय नमः' का उच्चारण करना लाभदायी रहता है।* 


*|| जानकी प्राकट्य दिवस की बधाई ||*

*राम राम जी*

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