|| पौष अमावस्या है आज ||
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इस मास का खास धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार बेहद खास होते हैं।इसके साथ ही इस महीने को लघु पितृ पक्ष के रूप में भी जाना जाता है। वास्तव में पौष के महीने में श्राद्ध कर्म, स्नान-दान और पितरों के निमित्त तर्पण किए जाते हैं। यही वजह है कि अमावस्या तिथि को श्राद्ध और तर्पण कार्य के लिए उत्तम मानी जाती है। इस दिन खास संयोग का भी निर्माण हो रहा है।
साल 2022 की आखिरी अमावस्या शुक्रवार को पड़ रही है।ऐसे में इस दिन पवित्र नदी में स्नान और तर्पण के साथ -साथ भक्तों को मां लक्ष्मी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इनकी आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। पंचांग में यह भी बताया गया है कि इस दिन वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्यों में हमेशा वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं।
इस दिन निश्चित रूप से पवित्र स्नान करने के साथ-साथ तर्पण और पिंडदान करना चाहिए।मान्यता है कि अमावस्या के दिन ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है और घर में खुशहाली बरकरार रहती है।
पौष अमावस्या का महत्व
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धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन-मनन के लिए यह माह श्रेष्ठ होता है। पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र,सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं। पौष मास में होने वाले मौसम परिवर्तन के आधार पर आने वाले साल में होने वाली बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है।
|| विष्णु भगवान की जय हो ||
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