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Monday, 2 January 2023

प्रभू प्रेम....

 *राम राम जी*


*प्रभू प्रेम*


*प्रेम महज़ एक शब्द ही नहीं*

*बल्कि एक आस्था है , और साधना का मुख्य द्वार है* 

* *आप ध्यान देंगे तो पाएंगे कि प्रकृति के कण कण में प्रेम का समावेश है* *एक आकर्षण है एक दूसरे की तरफ .. एक दूसरे के पूरक है जीवन यात्रा ही इसी से चलती है*


*अगर कोई किसी से नफ़रत करता है तो आप गहराई से अवलोकन करोगे तो आप पाएंगे कि वो  नफ़रत भी एक तरह से प्रेम का ही एक बदला हुआ रूप है*

*हम जिससे प्रेम करते हैं उसे स्वतंत्र छोड़ा जाता है*

 *प्रेम सर्व प्रथम स्वतंत्रता चाहता है परतंत्रता नहीं.....*

*और सबसे अहम बिंदु होता है*

*प्रेम में झुक जाना जो इंसान प्रेम में झुकता है.........*.

*वो उतना ही उच्च स्थान प्राप्त करता है...*

*प्रेम मात्र आकर्षण का केन्द्र नहीं* 

*प्रेम प्रेम को पूजने की अनुमति भी देता है..*

*प्रेम बिन मानवीय जीवन का कोई ओचित्य नहीं होता....*

*प्रेम एक कठोर ह्रदय को भी कोमलता का भाव देता है*

*प्रेम ही जीवन के हर क्षण को मधुर, मनोरम, औऱ मोहक बनाता है*

*प्रेम में जिया हुआ हर पल, हर लम्हा बेहद खूबसूरत औऱ सुगन्धित होता है..!*


*फिर वो प्रेम चाहे पति -पत्नी का हो या बेटा, बेटी, माता, पिता, भाई, बहन, दोस्त, प्रेमी युगल का हो या फिर अपने देवी देवता गुरु, महाराज पीर/फकीर का हो प्रेम तो प्रेम ही है...*


*इसलिये प्रेम कीजिए*

*प्रेम दीजिए*

*ओर प्रेम पाइए.*

.*राधे राधे*

*राधे कृष्णा*🌹

🙏🙏


*Verma's Scientific Astrology and Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone..9417311379. www.astropawankv.com*