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Friday, 19 May 2023

ज्येष्ठ अमावस्या वट सावित्री..


ज्येष्ठ अमावस्या 2023 का शुभ अवसर

         19 मई 2023 को आज है। 


इस अवधि के दौरान,अपने पूर्वजों का आशीर्वाद लेने के लिए धार्मिक अनुष्ठान करना, दान देना और पिंडदान (तर्पण) करना अत्यधिक अनुकूल है। यह हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।और जीवित लोगों को सौभाग्य प्रदान करता है ।


ज्येष्ठ अमावस्या को आमतौर पर 

   वट सावित्री अमावस्या कहा जाता है। 


ज्येष्ठ अमावस्या पर पूजा करने के लिए भगवान शिव सबसे शुभ देवताओं में से एक हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा मिलता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परमात्मा से आशीर्वाद प्राप्त होता है।


पितरो की शांति के लिए क्या करे :-

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समाधान- पितरो की शांति हेतु त्रिपिण्डी श्राद्ध,नारायण बलि कर्म,महामृत्युंजय मंत्र जाप और श्रीमद् भागवत कथा कराये।


1--त्रिपिण्डी श्राद्ध यदि किसी मृतात्मा की लगातार तीन वर्षों तक श्राद्ध नहीं किया जाए तो वह जीवात्मा प्रेत योनि में चली जाती है। ऐसी प्रेतात्माओं की शांति के लिए त्रिपिण्डी श्राद्ध कराया जाता है। पितृदोष की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध अवश्य कराएं!


2-मृतात्मा की शांति के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र जाप करवाया जा सकता है। इसके प्रभाव से पूर्व जन्मों के सभी पाप नष्ट हो जाते है।


3-पितरो की आत्मा की शांति के लिए श्रीमद्भागवत का पाठ कराना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से प्रेत योनि से मुक्ति हो जाती है और परिवार के लिए सुख शांति प्राप्त होती है।


 मंगलकारी मंत्र-

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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

ॐ विष्णवे नम:

 ॐ पितृ देवाय नम:

ॐ पितृ दैवतायै नम:

ॐ पितृभ्य: नम:


         || सर्व पितरेश्वराय नमः: ||

                    *Verma's Scientific Astrology and Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone..9417311379  www.astropawankv.com*