|| आज शनि जयंती है ||
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नमः कालशरीराय कालगुन्नाय ते नमः
कालहेतो नमस्तुभ्यं कालनंदाय वे नमः।
अखण्डदण्डमानाय त्वनाद्यंताय वै नमः
कालदेवाय कालाय कालकालाय ते नमः।।
काल शरीर के लिए नमस्कार है,कालगुन्न के लिए प्रणाम है, हे कालहेतों आपके लिए नमस्कार है।अखण्डदण्डतान के लिए नमस्कार है। कालदेव को काल को और काल के भी काल(भगवान् शनिदेव)के लिए नमस्कार है।'
शनि अमावस्या का महत्व
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शनि अमावस्या का दिन शनि देव के प्रकोप को शांत करने और शनि दान के लिए सबसे अच्छा दिन माना गया है। इस दिन शनि देव से संबंधित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए उन पर सरसों के तेल में तिल डालकर चढ़ाना चाहिए। शनि देव से जुड़ी काली चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन शनि देव का अभिषेक और उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।
जयंती विशेष -
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शनिदेव के दस नाम प्रतिदिन लेने से होती है सभी मनोकामना पूरी होती है। इसे श्लोक के रूप में जप सकते हैं। यदि ऐसा नहीं कर सकें, तो हर नाम के साथ ओम और नम: का उच्चारण जरूर करें।
जैसे-ओम कोणस्थ नम:कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेनसंस्तुत:।।
अर्थात: 1- कोणस्थ, 2- पिंगल, 3- बभ्रु, 4- कृष्ण, 5- रौद्रान्तक, 6- यम, 7, सौरि, 8- शनैश्चर, 9- मंद व 10- पिप्पलाद। इन 10 नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं।
|| जय श्री शनिदेव प्रणाम आपको ||