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Saturday, 31 December 2022

साल 2022

 *।।विदा हो रहा साल 2022,!!*

    🙏🪷🌹💕💘🤷‍♂️

*जिन्दगी का एक ओर वर्ष कम हो चला,,*

*कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..*

*कुछ ख्वाईशैं दिल मे रह जाती हैं..*

*कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..*

*कुछ छोड़ कर चले गये..*

*कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर मे ..*

*कुछ मुझसे बहुत खफा हैं..* 

*कुछ मुझसे बहुत खुश हैं..*

*कुछ मुझे मिल के भूल गये..*

*कुछ मुझे आज भी याद करते हैं..*

*कुछ शायद अनजान हैं..*

*कुछ बहुत परेशान हैं..*

*कुछ को मेरा इंतजार हैं ..*

*कुछ का मुझे इंतजार है..*

*कुछ सही है,,*

*कुछ गलत भी है..*

*कोई गलती तो माफ कीजिये और*

*कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये।*


*💕💕 Happy Last day  of the Year 2022🌹💕💘😊🤷‍♂️🥰  🙏🙏*

Thursday, 29 December 2022

प्रेम और विश्वास..

 *राम राम जी*


*प्रेम और विश्वास*


*सुन्दर स्त्री बाद में शूर्पणखा निकली,*

 *सोने का हिरन बाद में मारीच निकला,*

   *भिक्षा मांगने वाला साधू बाद में रावण निकला।*


*लंका में तो निशाचार लगातार रूप ही बदलते दिखते थे, हर जगह भ्रम, हर जगह अविश्वास, हर जगह शंका लेकिन बाद इसके जब लंका में अशोक वाटिका के नीचे सीता माँ को रामनाम की मुद्रिका मिलती है तो वो अगर उस पर 'विश्वास' कर लेती वो मान जाती और स्वीकार करती कि इसे प्रभु श्री राम ने ही भेजा है......?*



*जीवन में कई लोग आपको ठगेंगे, कई लोग आपको बहुत ही निराश करेंगे, कई बार आप भी सम्पूर्ण परिस्थितियों पर संदेह करेंगे लेकिन इस पूरे माहौल में जब आप रुक कर....पुनः किसी व्यक्ति, प्रकृति या अपने ऊपर 'विश्वास' करेंगे  यानी अपने आप पर  उस व्यक्ति, प्रकृति पर पूर्ण विश्वास करेंगे तो आप रामायण के पात्र बन जाएंगे।*


*रामजी और माँ सीताजी केवल आपको.. 'विश्वास करना' ही तो सिखाते हैं।माँ कठोर हुईं लेकिन माँ से विश्वास नहीं छूटा, परिस्थितियाँ विषम हुई लेकिन उसके बेहतर होने का विश्वास नहीं छूटा, भाई - भाई का युद्ध देखा लेकिन अपने भाइयों से विश्वास नहीं छूटा, लक्ष्मण को मरणासन्न देखा लेकिन जीवन से विश्वास नहीं छूटा,सागर को विस्तृत देखा लेकिन अपने पुरुषार्थ से विश्वास नहीं छूटा, वानर और रीछ की सेना थी लेकिन विजय पर विश्वास नहीं छूटा और *प्रेम को परीक्षा और वियोग में देखा लेकिन प्रेम से विश्वास नहीं छूटा।*


*भरत का विश्वास, विभीषण का विश्वास, शबरी का विश्वास, निषादराज का विश्वास, जामवंत का विश्वास, अहिल्या का विश्वास, कोशलपुर का विश्वास और इस 'विश्वास' पर हमारा - आपका अगाध विश्वास।*


*सच बात यही है कि जिस दिन आपने ये 'विश्वास' कर लिया कि ये विश्व आपके पुरुषार्थ से ही खूबसूरत बनेगा उसी दिन ही आप 'राम' बन जाएंगे और फिर लगभग सारी परिस्थितियाँ हनुमान बनकर आपको आगे बढ़ाने में लग जाएंगी।यहाँ हर किसी की रामायण है,आपकी भी होगी। जिसमें आपके सामने सब है - रावण,शंका,भ्रम, असफलता,दुःख,दर्द आदि आदि...*


*बस आपको अपनी तरफ 'विश्वास' रखना है..*

  *आपका राम तत्व खुद उभर कर आता जायेगा।*


 || जय श्री राम जय हनुमान  ||

             

*Verma's Scientific Astrology and Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone..9417311379. www.astropawankv.com*

Sunday, 25 December 2022

अशांति से शांति की तरफ़

 *अशांति से शांति की तरफ़* 


       🌻मित्रों आपको अपने जीवन में कुव्यसनों की कीमत दो बार चुकानी पड़ती है – एक बार जब आप उनके प्रभाव में आते हैं,तथा दूसरी बार जब वह आपको प्रभावित करती हैं इसलिए अपने जीवन में सदा धर्म का ही आश्रय लेकर उसमें चलने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि सच्चा धर्म इस लोक मे भी शान्ति देता हैं और अंत मे परमात्मा के चरणों मे ले जाता हैं धर्म ही मनुष्य का सच्चा धन हैं उत्तम् धन हैं, धर्म ही उसका सच्चा मित्र हैं, सच्चा बन्धु हैं, मरने के पीछे धन साथ नही जाता हैं, बल्कि धर्म ही मनुष्य के साथ जाता हैं 


🌻इसलिए मित्रो अपने परिवार मे अपनी संतान को धन  संपत्ति का उत्तराधिकारी न बना सको तो कोई बात नही परन्तु समस्त संस्कारों का उत्तराधिकारी बनाना बहुत जरुरी हैं,  धन संपत्ति से कदाचित थोडा सुख मिल सके परन्तु संस्कारों से बहुत  सुख ओर शान्ति मिलती हैं अच्छे संस्कारों से जो सुख मिलता हैं वह आपके जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है।


     🌻 सज्जनों पैसे से ही सच्चा सुख मिलता है ऐसा मनुष्य जब से समझने लगा तबसे पाप कर्मों की बढोत्तरी बढ गई हैं,जीवन मे पैसा क्षणिक सुख अवश्य देता हैं और हमारी  बहुत सी जरुरतें भी पूरी करता है और मनुष्य को धन/पैसा कमाना भी चाहिए बिना धन से धर्म की रक्षा नहीं हो सकती परन्तु अपने स्वाभिमान बेचकर एवं संस्कारों की बलि चढ़ाकर कमाया हुआ धन सम्पूर्ण परिवार को प्रभावित कर देता है इससे घर परिवार में बहुत से दोष उत्पन्न हो जाते हैं वो सभी दोष किसी पूर्ण साधु संत जी के पास जाकर पता चल सकते हैं और यह पूर्ण ग्रह दोष आपकी और आपके परिवार जन की जन्मकुंडलियों के द्वारा भी जानें जा सकते हैं यह सत्य बात हैं इसलिए अपने जीवन को हिंसात्मक बनाकर नही ,बल्कि अहिंसात्मक तरीकें से जीने का प्रयास करना चाहिए  अपने आप ब अपनी संतानों को (परिवार जन को) हमेशा यही शिक्षा दें कि वो सभी जन जीवन को पैसे के मद मे नही ,बल्कि धर्म और सत्कर्म और संस्कारों के प्रभाव मे जीने का प्रयास हमेशा करते रहें और जो ग्रह दोष उनकी जनकुंडलियों के अनुसार उनके और परिवार में पैदा हुए हैं उन्हें दूर करने के जो भी उपाय/परहेज़ हों उन्हें यथा संभव प्रयास करके करते रहना चाहिए  ताकि घर परिवार में सुख शांति समृद्धि हमेशा बनी रहे ।।

🙏🙏

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Saturday, 24 December 2022

लाल किताब के रचयिता...

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#naddiastrology #kpastrology #vastu 


आवाज़ सुनता हर किसी की.. न ही कोई भुला हो,                -  सबसे पहले याद उसकी... फिर सभी दुनिया की हो                                                                                                                         '                                                        24दिसम्बर1982 लाल किताब ज्योतिष पद्धति के जनक और आधुनिक युग के ऋषि पंडित श्री रूप चन्द जोशी जी की पून्य तिथि है आज से 38 साल पहले उन्होंने अपने जददी घर गांव फरवाला जिला जलंधर तहसील नूरमहल में उन्होंने आखिरी सांस छोड़ने से पहले सम्पूर्ण विश्व को इल्म समुद्रीक की लालकिताब के पांच बहुमूल्य ग्रंथों की एक श्रृंखला ज्योतिष जगत् को भेंट की ,........जिनके नाम क्रमश:(1) लाल किताब के फरमान(1939),यह पुस्तक हस्त रेखा पर आधारित है (2)लाल किताब के अरमान (1940)(3)लाल किताब गुटका(1941) जो की कविता रूप में हैं  (4)लाल किताब तरमीम शुदा1942 (5) लाल किताब1952 इसे पंडित जी ने एक गुलदस्ते की माफिक सभी फूल सजा कर ज्योतिष जगत को दिए, मेरा उन के चरणों मे सादर प्रणाम      

   ( कर भला होगा भला -                                                                                                                                   आखीर भले का भला )


                      मैं उन महा दानी पंडित रूप चन्द जोशी जी को सजल नेत्रों से भावपूर्ण श्रदाँजलि भेंट करता हूँ ईश्वर उन्हें अपने चरणों से लगाऐ रखें और उन का दिव्य आशीर्वाद हम सभी  पर सदैव बना रहे 


*Verma's Scientific Astrology and Vastu Research Center...

Lal Kitab Jyotish & Vastu Research Center Ludhiana Punjab Bharat Phone..9417311379.  

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Friday, 23 December 2022

आज शुक्रवार को पौष अमावस्या है...

 || पौष अमावस्या है आज ||

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इस मास का खास धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार बेहद खास होते हैं।इसके साथ ही इस महीने को लघु पितृ पक्ष के रूप में भी जाना जाता है। वास्तव में पौष के महीने में श्राद्ध कर्म, स्नान-दान और पितरों के निमित्त तर्पण किए जाते हैं। यही वजह है कि अमावस्या तिथि को श्राद्ध और तर्पण कार्य के लिए उत्तम मानी जाती है। इस दिन खास संयोग का भी निर्माण हो रहा है।


साल 2022 की आखिरी अमावस्या शुक्रवार को पड़ रही है।ऐसे में इस दिन पवित्र नदी में स्नान और तर्पण के साथ -साथ भक्तों को मां लक्ष्मी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इनकी आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। पंचांग में यह भी बताया गया है कि इस दिन वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्यों में हमेशा वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। 


इस दिन निश्चित रूप से पवित्र स्नान करने के साथ-साथ तर्पण और पिंडदान करना चाहिए।मान्यता है कि अमावस्या के दिन ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है और घर में खुशहाली बरकरार रहती है।


पौष अमावस्या का महत्व

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  धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन-मनन के लिए यह माह श्रेष्ठ होता है। पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र,सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं। पौष मास में होने वाले मौसम परिवर्तन के आधार पर आने वाले साल में होने वाली बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है।


|| विष्णु भगवान की जय हो ||

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Wednesday, 21 December 2022

शनि देव का मकान/घर

 *राम राम जी*

आज बात करते हैं जन्मकुंडली के शनि देव की .... शनि की आशियां मकान/घर बनाने की दोस्तों आपने देखा होगा कि

चंद लोग ऐसे भी होते हैं जिनको मकान बनाना बहुत लाभ करता है जब मकान बनता है तो मजदूर के रुप में साक्षात शनिदेव इंसान के घर के अंदर घूम रहे होते हैं मकान बनने के बाद तरक्की होती हैं और उनके घर  खुशियों से भरे रहते हैं ...... और कुछ लोग  ऐसे भी होते हैं जिनकी अगर जन्म कुंडली में थोड़े से भी शनि देव जी अशुभ अवस्था में बैठे हो या जन्मकुंडली के अशुभ घर में बैठे हुए हो  या अशुभ दृष्टी के कारण उनका बुरा प्रभाव/एनर्जी हो तो इंसान के सिर चढ़कर बोलने लगते हैं  उसकी बुद्धि काम नहीं करती इंसान को समझ ही नहीं आता कि उसकी बर्बादी का कारण कब कहां से और कैसे शुरू हुआ उसका बुरा प्रभाव सबसे पहले  इंसान की रोजाना की कमाई पर आता है उसके बाद धीरे-धीरे उसका काम बंद होना शुरू होता है काम कम होना शुरू हो जाता है उसे हर काम में रूकावटें/परेशानियां आनी शुरू हो जाती है झगड़ा बहस / बदनामी शुरू हो जाती है और फिर इंसान धीरे धीरे कर्ज की दलदल में फंस कर बर्बाद होना शुरू हो जाता है उसके घर से खुशी और मंगल कार्य दूर जाना शुरू हो जाते हैं शादी विवाह मंगल कार्य घर में नहीं होते और बिमारी घर पर बसेरा कर लेती हैं.......

.... ऐसे समय में अगर कोई अच्छा एस्ट्रोलॉजर मिल जाए तो इन बातों से बचा लेता है वरना मृत्यु के बाद भी इस चीज का इलाज संभव नहीं होता आप अपने आस पास, रिश्ते नातों में , दोस्तों मित्रों में देखें उन से बात करके देखें तो आपको ऐसे हजारों उदाहरण मिल जाएंगे ट्राई कीजिए रिजल्ट आपके सामने होंगे तब आपको इंसान कहता हुआ नज़र आता होगा कि मैंने लाखों उपाय किए पर किसी भी उपाय का रिजल्ट नहीं मिलता दोस्तों उपाय का रिजल्ट तभी मिलता है जब जन्मकुंडली ओर वर्ष कुंडली ब माह कुंडली और गोचर कुंडली ओर आपके कर्मों को मिलाकर उनका गहराई से अवलोकन करके उपाय निकालें जाएं और उन सभी उपायों को जब  आप पूरे दिल से श्रद्धा से और शिद्दत से किया जाए और उपाय करने से पहले अपने अपने कुल देवी देवता जी से , नव ग्रह देवता जी  और अपने गुरू महाराज जी को प्रणाम करके ओर आशिर्वाद लेकर प्रार्थना करके किया जाए तभी अवश्य ही पूरी तरह से फलदाई होते हैं और एक बात कि जब उपाय बताने वाले की एनर्जी उपाय करने वाले की एनर्जी से ज्यादा हो..... सच्चाई है यह.. पर कड़वी है साहिब......

 ......*.पढ़े भटकते हैं लाखों पंडित हजारों सियाने जो खूब देखा तो यार खुदा की बातें खुदा ही जाने*


🙏🙏

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Sunday, 4 December 2022

राहु.... राजनीति

 राहु.. राजनीति

राजनीति में कभी भी सोच नहीं होती ..... केवल*वक्त और व्यक्तित्व* होता है

व्यक्तित्व भी वक्त के हिसाब से बदल दिए जाते हैं दरकिनार कर दिए जाते हैं वक्त के आगोश में खो जाते हैं। 

 राजनीति का मूल राहु है राहु सदैव ही परिवर्तनशील है कभी भी एक जैसा नहीं रहता वक्त को बहुत ही तेजी से पहचानता है अपना ही फ़ायदा देखता है और अपने लाभ के लिए परिवर्तन भी कर लेता है ।क्षण क्षण बदलता है जो क्षण क्षण ना बदले तो राहु कैसा..........

 हालांकि यह एक पहलू यह भी है कि राजनीतिक समर्थक केतु होते हैं और राजनेता राहु होते हैं। समर्थक कई पीढ़ियों से या लंबे वक्त से इसी स्वभाव को जीते रहते हैं लेकिन राजनेता दल बदलने के समय समर्थकों से बात करने की तो दूर की बात है वो अपने चेहरे पर भाव भी नहीं लाते कि हम बदल रहे हैं। समर्थक तो बेचारे अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। 

  हालांकि जब कभी बहुत ज्यादा निराश हो जाते हैं तब समर्थक केतू अपने आपको एक बहुत बड़ी भीड़ के रुप में यानी राहु के रूप में बदल जाते हैं लेकिन फिर से उसी भीड़ में से किसी व्यक्ति व्यक्तित्व को खड़ा करके खुद दोबारा  फिर से केतु बन जाते हैं। फिर से दोबारा वही केतु वाला स्वभाव क़ायम हो जाता है फिर कोई कहता है कि मैं फलाने नेता जी के साथ हूँ और कोई तो फलाने नेता जी जैसा बन जाते हैं देखने सुनने में आता है


 यानी कि ...*"पहुंची वहीं पर ख़ाक जहां का ख़मीर था"*