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Friday, 15 August 2025

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

 🇮🇳 || शुभ स्वतंत्रता दिवस || 🇮🇳


जिस दिन हम समस्त देशवासियों के हृदय में अपने राष्ट्र और राष्ट्रीयता के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो जायेगी, सच्चे अर्थों में उस दिन हमारे वीर बलिदानियों की कुर्बानियाँ भी सार्थक हो जायेंगी। आज का पावन दिवस माँ भारती के उन महान सपूतों को वंदन करने का भी है जिन्होंने इस राष्ट्र की एकता, अखंडता, समरसता और सहिष्णुता के लिए हँसकर अपने प्राणों की आहुतियां दे दी। 


समस्त क्रांतिकारियों व माँ भारती के अमर वीर बलिदानियों की उन अमर क्रांतियों के लिए यह स्वतंत्र भारत सदैव ऋणी रहेगा, जिसके परिणामस्वरूप हम सभी देशवासी इस स्वतंत्र राष्ट्र में सुख और शांति के साथ जीवन जी पा रहे हैं एवं आज स्वतंत्रता का यह महामहोत्सव मना पा रहे हैं। माँ भारती की रक्षा में अहर्निश तत्पर रहने वाले सभी वीर जवानों को हृदय से नमन करते हुए समस्त राष्ट्रवासियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएं एवं बधाई।

      

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      *जय श्री राधे कृष्णा जी*

*राम राम जी*






Friday, 8 August 2025

रक्षा बंधन 09/08/2025

 *राम राम जी*


*रक्षाबन्धन विशेष* 


     श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। राखी इस बार 9 अगस्त को है। खास बात ये है कि  इस बार रक्षाबंधन पर भद्रायोग यानी किसी भी तरह का भद्रा काल नहीं है । जिससे पूरे दिन राखी बांधने का समय रहेगा।

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कैसे मनाएं रक्षाबंधन? राखी की थाल सजा लें। जिसमें रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र यानी राखी और मिठाई रखें। घी का दीपक भी जलाकर रख लें। रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं। भाई के माथे पर तिलक लगाएं। रक्षा सूत्र बांधें और आरती करें। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं। ध्यान रखें कि राखी बांधने के समय भाई और बहन दोनों का सिर ढका होना चाहिए। इसके बाद अपने बड़ों का आशीर्वाद लें।


राखी का मुहूर्त: 09अगस्त को सुबह 6 बजे से  दोपहर 1:30 बजे तक शुभ मुहुर्त  है। इस बार आयुष्मान, सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग का दुर्लभ संयोग है.... वैसे राखी बांधने का  मुहूर्त सुबह  से  लेकर रात 8 बजे तक रहेगा। 

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*नोट - राहु काल 09 अगस्त 2025 (शनिवार)  का समय सुबह 09:06 बजे से 10:46 बजे तक रहेगा.* 


 *आपको रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएं*

*राम राम जी*


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*आपके भाई की राशि रक्षासुत्र और ..लाभ*


मेष :  आपके भाई  की राशि मेष है उसे लाल रँग  की राखी बांधें और मिठाई में मालपुए खिलाएं. ऐसा करने से भाई को मानसिक शांति मिलेगी 


वृषभ : इस राशि के भाई को सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें और रसमलाई  मिठाई ही खिलाएं, ऐसा करने से नौकरी व्यापार में लाभ मिलेगा और उर्जा से ओतप्रोत होंगे


मिथुन : आपके भाई  की राशि मिथुन है, बहने उन्हें हरे रँग  वाली राखी बांधें और हरी बर्फी या गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से सामाजिक कार्यों में रुचि बनी रहेगी.विचार शक्ति बढ़ेगी 


कर्क : आपके भाई की राशि कर्क है तो इस साल राखी के त्योहार पर अपने भाई की कलाई पर सफ़ेद रेशम वाली राखी बांधें. मिठाई में कलाकंद या बादाम कतली  खिलाएं. ऐसे करने से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी भावनात्मक रिश्ते मजबूत होंगे


सिंह : सिंह राशि वाले भाइयों को ऑरेंज राखी बांधें और मिठाई में घेवर  मिठाई या बलुशाई खिलाएं. इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफतला प्राप्त होगी और कार्रिएर जॉब लाभ 


कन्या : अगर आपके भाई की राशि कन्या है तो अपने भाईयों को गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें और मोतीचूर के लड्डू खिलाएं. इससे वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा और अच्छा शुभ परिणाम मिलेगा 


तुला : आपके  भाई की राशि तुला है वो रेशमी हल्के गुलाबी  डोरे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें कजुकतली या मावा बर्फी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से व्यवसाय की चिंता दूर होगी और स्थिति सामान्य बनी रहेगी कार्य शक्ति बढ़ेगी  


वृश्चिक ; आपके भाई की राशि वृश्चिक हे आप चमकीला लाल रँग  वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें पंचमेवा बर्फी या अंजीर कतली मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से उनके क्रोध व रोग से आराम मिलेगा


धनु : भाई की राशि धनु  है वो पीले  रक्षासूत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें बेसन चक्की या जलेबी  मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से नौकरी व्यापार की बाधा दूर होगी 


मकर : आपके  भाई की राशि मकर  है वो परपल रक्षासुत्र   वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें काला गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से जीवन की सभी बाधा दूर होगी 


कुम्भ : भाई की राशि कुम्भ  है वो नीले धागे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें सोहन हलवा या सोहन पापड़ी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से उनको धन सम्पति लाभ होगा 


मीन : भाई की राशि मीन  है वो पीले रक्षासुत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें केसर  मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से  मन स्वच्छ होगा 


*रक्षाबंधन के मंत्र*


 *येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः*


*पूजा विधि:* राखी बांधने से पहले भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठा लें। फिर भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधें। भाई की आरती उतारें। मुंह मीठा करें। अगर भाई बड़ा है तो आप उसके चरण स्पर्श करें। राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी इच्छानुसार बहनों को भेंट देते हैं।


*आप सभी जन को रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएं*

*राम राम जी*


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Thursday, 24 July 2025

हरियाली अमावस्या

 || हरियाली अमावस्या ||

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सावन मास की हरियाली अमावस्या इस साल 24 जुलाई को है। उदया तिथि के अनुसार इस साल अमावस्या 24 जुलाई को है। हरियाली अमावस्या पर पितरों का तर्पण किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं। स्कंद पुराण में अमावस्या पर श्राद्ध करने के विषय में बताया गया है। इस साल सावन मास की अमावस्या तिथि आरंभ: 24 जुलाई , सुबह 2:29 बजे से शुरू होगी और 25 जुलाई को रात 12:41 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान और दान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करना उत्तम रहता है।


हरियाली अमावस्या का महत्व-

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सावन मास का समय अपने आप में बहुत खास होता है क्योंकि इस दौरान चारों तरफ हरियाली छा जाती है। बारिश की वजह से मौसम खुशनुमा और सुहावना हो जाता है, जिससे पेड़-पौधों में ताजगी और जीवन की नयी चमक देखने को मिलती है। इसी कारण से सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।


इसके अलावा,सावन मास शिव भगवान का प्रिय महीना होता है, इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन शिव पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना से मन की शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। प्रकृति की रक्षा और पर्यावरण की सेवा के लिए भी इस दिन पौधे लगाने की बहुत अहमियत होती है। खासकर आम, आंवला, नीम, बरगद, पीपल जैसे पवित्र और लाभकारी पेड़ लगाना शुभ माना जाता है। ये पौधे न केवल पर्यावरण को स्वस्थ बनाते हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद पवित्र माने जाते हैं। इसलिए हरियाली अमावस्या न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि प्रकृति के साथ जुड़ने और उसका संरक्षण करने का भी एक अनमोल मौका है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और पौधारोपण से जीवन में खुशहाली, स्वास्थ्य और सौभाग्य आता है।


          || ॐ नमः शिवाय ||

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Thursday, 10 July 2025

गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं

 https://youtube.com/shorts/NEGsVucePBA?si=f4MDOg8AvcEprIRj


आप सभी जन को Astropawankv की पूरी Team की तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएं जी




गुरू पूर्णिमा

 *गुरु पूर्णिमा*


*गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा:*


  *गुरु साक्षात परम ब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नम:।*


           🙏🙏


*हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहिं ठौर*'




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*यानी भगवान के रूठने पर गुरु की शरण मिल जाती है, लेकिन गुरु अगर रूठ जाए तो कहीं भी शरण नहीं मिलती। गुरु की जरूरत हमें अपने जीवन चक्र में पग पग पर पड़ती हैं वो जरूरत चाहे किसी भी रुप में हो। गुरु हमें किसी भी रुप में, किसी भी रिश्ते में मिल सकता है  इसलिए जीवन में गुरु का विशेष महत्व  है। मान्यता है कि आप जिसे भी अपना सच्चे मन से दिल से गुरु मानते हों, गुरु पूर्णिमा के दिन आपको उसकी पूजा करनी चाहिए आशीर्वाद लेना चाहिए गुरू की पूजा करने से ब आशीर्वाद लेने से जीवन की बहुत सारी बाधाएं दूर हो जाती है।*


*गुरु पूर्णिमा कब होती है।*


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             *आषाढ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहा जाता है।*


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             *चातुर्मास के चार मास तक प्रवाचक,  साधु संत एक ही स्थान पर रह कर ज्ञान गंगा बहाते है। चातुर्मास के चार मास मौसम के अनुसार भी सर्वश्रेष्ठ होते है  अध्यन के लिए भी सर्वश्रेष्ठ माने गये है। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता और फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है उसी प्रकार गुरु चरणो मे  उपस्थित साधक को ग्यान शक्ति   और भक्ति प्राप्त होती है।*



*गुरु पूर्णिमा किस के नाम पर मनायी जाती है।*


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        * *गुरु पूर्णिमा गुरु की पूजा अर्चना के लिए विशेषतः मनायी जाती है। महाभारत के रचियता कृष्ण द्वैपायन का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन हुवा था। कृष्ण द्वैपायन संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित थे और चारो वेदो के रचियता भी कृष्ण द्वैपायन ही थे इस लिए इनको में वेद व्यास भी कहा जाता है। कृष्ण द्वैपायन के सम्मान में इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। भक्ति काल में संत कबीर के शिष्य श्री घासी दास का जन्म भी इसी दिन हुवा था।*



*शास्त्रो के अनुसार गुरु का अर्थ।*


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                *शास्त्रो के अनुसार गु का अर्थ- अंधकार मूल अज्ञान और रु का अर्थ- निरोधक अर्थात अंधकार हटाकर प्रकाश की ओर लेजाने वाले को ही गुरु कहते है।*



 गुरु का महत्व।


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            * *गुरु के विना ज्ञान नही मिल सकता है। गुरु को पाने के लिए भी उतनी ही तपस्या करनी पडती है जितनी ईश्वर को पाने के लिए।  सच्चा गुरु ही हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ला सकता है। संत कबीर दास जी ने गुरु को ईश्वर से भी बडा निम्न दोहे  में बताया है।*



*"गुरु गोबिन्द दोऊ खडे, काके लागू पाय।*


*बलिहारी गुरु आपने, गोबिन्द दिये बताय।।"*




*गुरु पूर्णिमा की... आप सभी जन को हार्दिक शुभकामनाएं*



 *गुरु ह्रदय में , सदा  गुरु  ही है  भ्रम  का  काल*


*गुरु  अवगुण  को  मेटते,  मिटे  सभी  भ्रमजाल*


*मेरे सुख-दुख में, अच्छे- बुरे वक्त में , व्यवसाय के क्षेत्र में या सामाजिक व धार्मिक कार्य में, कोई मित्र के रूप में , कोई मार्गदर्शक के रूप में तो कोई शुभचिंतक के रूप में  आप लोगों ने मुझे समय समय पर मार्गदर्शन देकर मेरे मनोबल को बढ़ाया है, मुझे सही रास्ता दिखाया है*, 


*आप जैसे सभी आदरणीय स्नेही मित्र शुभचिंतकों  व पूज्यनीय गुरुओं को नतमस्तक होकर प्रणाम करता हूँ और गुरुपूर्णिमा की बधाई देता हूँ....*


      *|| *गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई ||*

                    ✍☘💕



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Sunday, 6 April 2025

नवरात्रि पर्व का नवम दिवस और मां की पूजा अर्चना

 #नवरात्रि पर्व का नवम दिवस और मां की पूजा अर्चना 


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Sunday, 30 March 2025

विक्रम संवत 2082 के शुभारंभ पर आप सभी जन को हार्दिक शुभकामनाएं

 विक्रम संवत नववर्ष 2082  का शुभारंभ


               चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ 


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श्रीमद् दैवीयभागवत के अनुसार-


     नौ पूर्ण अंक माना जाता है।




नव दुर्गा,नवदा भक्ति, नवग्रह,नव शक्ति,नव संवत्सर,नव जीवन, नव यौवन, नव संकल्प, नव सृष्टि, ये सभी 9 के आकडे से संबंधित है।




 चैत्र नवरात्र का महत्व क्यों है-


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जहाँ तक बात है चैत्र नवरात्र की तो धार्मिक दृष्टि से इसका खास महत्व है, क्योंकि चैत्र नवरात्र के पहले दिन आदि शक्ति प्रकट हुई थी।और देवी के कहने से ब्रह्माजी ने सृष्टि निर्णय का काम सुरू किया।इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू सनातन नववर्ष शुरू हुआ। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने पहला मत्स्य अवतार लेकर पृथ्वी की स्थापना की। इसके बाद भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार जो भगवान राम का है वह चैत्र नवरात्रा में हुआ है।




धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है ऋतु के बदलने के समय रोग जिसे आसुरी शक्ति कहते है।उसका अंत करने हेतु हवन पुजन आदि होते है। और मौसम परिवर्तन के कारण उपवास भी किये जाते है।




आप सभी जन को नव विक्रम संवत् 2082 की हार्दिक शुभकामनाएं। ये नववर्ष आपके एवं आपके परिजनों के लिए अत्यंत शुभ एवं मंगलदायक हो।




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         || जय माँ जगदम्बे ||


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Saturday, 29 March 2025

बिदा ले रहे वर्ष 2081 और आने वाले नववर्ष 2082.....

 *विदा ले रहे  वर्ष 2081 के* 

*अंतिम दिन मेरा* 

*वंदन स्वीकार हो..*


*क्षमा करना अगर*

*आपके सम्मान मे*

*मुझ से कोई भूल हुई हो..*


*आज वि• स •२०८१ (2081) का अंतिम दिन हैं। कल से नववर्ष विक्रम संवत  २०८२ (2082) प्रारंभ होने जा रहा है।  मैंने यह महसूस किया कि मुझे उन सभी लोगों  का धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने मुझे संवत् २०८१ (2081) में मुस्कराने की वजह दी है, ......आप उन्हीं में से एक हैं , .......इसलिए आपका हार्दिक आभार ।* 


*संभव है कि जाने-अनजाने में मेरे कर्म , वचन , स्वभाव से आप को दुख हुआ हो, इसलिए मैं आपसे क्षमा प्रार्थी हूं ।*

*विश्वास है कि आगामी विक्रम सम्वत२०८२ (2082)में भी आप सबका आशीर्वाद, मार्गदर्शन , स्नेह , सहयोग, प्यार , पूर्व की भांति मिलता रहेगा । सनातन  नववर्ष  की आपको एवं आपके परिजनों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाए*


 *🙏🏻जय श्री राम 🙏🏻*


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शनि जयंती

 || आज शनि जयंती है ||

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नमः कालशरीराय कालगुन्नाय ते नमः

 कालहेतो नमस्तुभ्यं कालनंदाय वे नमः।


अखण्डदण्डमानाय त्वनाद्यंताय वै नमः

कालदेवाय कालाय कालकालाय ते नमः।।


काल शरीर के लिए नमस्कार है,कालगुन्न के लिए प्रणाम है, हे कालहेतों आपके लिए नमस्कार है।अखण्डदण्डतान के लिए नमस्कार है। कालदेव को काल को और काल के भी काल(भगवान् शनिदेव)के लिए नमस्कार है।'


शनि अमावस्या का महत्व

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शनि अमावस्या का दिन शनि देव के प्रकोप को शांत करने और शनि दान के लिए सबसे अच्छा दिन माना गया है। इस दिन शनि देव से संबंधित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए उन पर सरसों के तेल में तिल डालकर चढ़ाना चाहिए। शनि देव से जुड़ी काली चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन शनि देव का अभिषेक और उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।

      

जयंती विशेष -

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शनिदेव के दस नाम प्रतिदिन लेने से होती है सभी मनोकामना पूरी होती है। इसे श्लोक के रूप में जप सकते हैं। यदि ऐसा नहीं कर सकें, तो हर नाम के साथ ओम और नम: का उच्चारण जरूर करें।


जैसे-ओम कोणस्थ नम:कोणस्थ  पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेनसंस्तुत:।।


अर्थात: 1- कोणस्थ, 2- पिंगल, 3- बभ्रु, 4- कृष्ण, 5- रौद्रान्तक, 6- यम, 7, सौरि, 8- शनैश्चर, 9- मंद व 10- पिप्पलाद। इन 10 नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं।


   || जय श्री शनिदेव प्रणाम आपको ||

                   


Friday, 14 March 2025

होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

 *राम राम जी*


*🙏🌹इंद्रधनुष के सात रंगो की तरह आप के जीवन में धन, यश, कीर्ति, आरोग्य ,उल्लास, सफलता, और वैभव का समावेश हो तथा श्री भगवान जी , गुरू महाराज जी आप को चिर काल तक प्रसन्नता के रंगो से सराबोर रखे, ऐसी ईश्वर से मेरी मंगल कामना है। आप एवं आपके परिवार को   "होली"के पावन पर्व की स्नेहभरी हार्दिक एवं अनन्त शुभकामनाएं।*


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Thursday, 13 March 2025

होलिका दहन ...होली पर्व

 



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Wednesday, 26 February 2025

महाशिवरात्रि महापार्व की हार्दिक शुभकामनाएं

 





महाशिवरात्रि के समान कोई पाप नाशक व्रत नहीं :-

         

धर्मशास्त्र में महाशिवरात्रि व्रत का सर्वाधिक बखान किया गया है। कहा गया है कि महाशिवरात्रि के समान कोई पाप नाशक व्रत नहीं है।इस व्रत को करके मनुष्य अपने सर्वपापों से मुक्त हो जाता है और अनंत फल की प्राप्ति करता है जिससे एक हजार अश्वमेध यज्ञ तथा सौ वापजेय यज्ञ का फल प्राप्त करता है। इस व्रत को जो 14 वर्ष तक पालन करता है उसके कई पीढ़ियों के पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में मोक्ष या शिव के परम धाम शिवलोक की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि व्रत व शिव की पूजा भगवान श्रीराम, राक्षसराज रावण, दक्ष कन्या सति, हिमालय कन्या पार्वती और विष्णु पत्नी महालक्ष्मी ने किया था। जो मनुष्य इस महाशिवरात्रि व्रत के उपवास रहकर जागरण करते हैं उनको शिव सायुज्य के साथ अंत में मोक्ष प्राप्त होता है।


जो मनुष्य इस महाशिवरात्रि व्रत के उपवास रहकर जागरण करते हैं उनको शिव सायुज्य के साथ अंत में मोक्ष प्राप्त होता है। बेलपत्र चढ़ाने से अमोघ फल की प्राप्ति  इस दिन विधि-विधान से शिवलिंग का अभिषेक, भगवान शिव का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करने से सहस्रगुणा अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।


इस बार महाशिवरात्रि पर सभी पुराणों का संयोग :-

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महाशिवरात्रि में तिथि निर्णय में तीन पक्ष हैं। एक तो, चतुर्दशी को प्रदोषव्यापिनी, दूसरा निशितव्यापिनी और तीसरा उभयव्यापिनी, धर्मसिंधु के मुख्य पक्ष निशितव्यापिनी को ग्रहण करने को बताया है।वहीं धर्मसिंधु, पद्मपुराण, स्कंदपुराण में निशितव्यापिनी की महत्ता बतायी गयी है, जबकि लिंग पुराण में प्रदोषव्यापिनी चतुर्दशी की महत्ता बतायी है, जो इस बार महाशिवरात्रि पर सभी पुराणों का संयोग है।


महाशिवरात्रि व्रत के बारे में लिंग पुराण में कहा गया है

    कि प्रदोष व्यापिनी ग्राह्या शिवरात्र चतुर्दशी'-


 रात्रिजागरणं यस्यात तस्मातां समूपोषयेत'

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अर्थात महाशिवरात्रि फाल्गुन चतुर्दशी को प्रदोष व्यापिनी लेना चाहिए।रात्रि में जागरण किया जाता है। इस कारण प्रदोष व्यापिनी ही उचित होता है।


      || शिव शक्ति जी की जय हो ||

                   

Monday, 13 January 2025

मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल पर्व

 आप सभी जन को Astropawankv की पूरी Team की तरफ़ से मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं......